बीच-बीच में अभियान चलाती है पुलिस
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जिले में धड़ल्ले से बढ़ रहा है ड्रग्स का कारोबार
बीच-बीच में अभियान चलाती है पुलिस पिछले डेढ़ महीने में 90 गिरफ्तार दैनिक जीवन के तनाव के चलते लोग हो रहे नींद की दवा कफ सिरप, डेनड्राइट, मॉरफिन और ब्राउन शुगर के शिकार रायगंज : दैनिक जीवन में निराशा और तनाव के चलते युवा समाज में ड्रग्स लेने की लत तेजी से फैल रही है. […]
पिछले डेढ़ महीने में 90 गिरफ्तार
दैनिक जीवन के तनाव के चलते लोग हो रहे नींद की दवा कफ सिरप, डेनड्राइट, मॉरफिन और ब्राउन शुगर के शिकार
रायगंज : दैनिक जीवन में निराशा और तनाव के चलते युवा समाज में ड्रग्स लेने की लत तेजी से फैल रही है. इसका लाभ उठाते हुए ड्रग्स का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. अब नशा केवल शराब और गांजा तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें नींद की गोलियां, कफ सिरप, मॉरफिन का इंजेक्शन और ब्राउन शुगर शामिल हो गये हैं.
इस गैरकानूनी कारोबार में सामान्य लोगों के अलावा दवा बिक्रेताओं का एक वर्ग भी शामिल है. इस घातक नशे का शिकार कम उम्र के किशोर और कॉलेज के विद्यार्थी तक हो रहे हैं. प्रशासन को भी ड्रग्स के कारोबार के बारे में जानकारी है, लेकिन किन्हीं अज्ञात कारणों से वह इसकी तरफ से आंखें मूंदे हुए हैं. गाहे-बगाहे ड्रग्स और फेंसीडिल कफ सिरप की खेपें पकड़ी तो जाती हैं. लेकिन ये बरामदगी ड्रग्स के वास्तविक कारोबार का एक छोटा हिस्सा ही है.
ड्रग्स के कारोबारियों की पहुंच प्रशासन और राजनैतिक हलकों तक में होने से इन पर हाथ डालना मुश्किल काम होता है. उल्लेखनीय है कि उत्तर दिनाजपुर जिला पुलिस की तत्परता से जिले को देसी शराब से लगभग मुक्त कर दिया गया है. इस वजह से भी नशे के आदि लोग ड्रग्स की तरफ बढ़ने लगे हैं. हालांकि शराब और गांजा से भी घातक है ड्रग्स का नशा. इससे सेवन करने वाले का स्वास्थ्य चौपट हो जाता है.
जानकारी अनुसार, ड्रग्स का सेवन करने वाले स्कूल और कॉलेज के मैदानों, सिनेमा हॉल और चाय दुकानों को चुन लेते हैं. वहीं पर उनका अड्डा जमता है. जिले के रायगंज, कालियागंज, इस्लामपुर जैसे शहरों में ड्रग्स का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है. जानकारों की मानें तो रायगंज शहर के देवीनगर, कॉलेजपाड़ा और ड्राइपोर्ट समेत ग्रामीण इलाकों में मादक पदार्थ सस्ते में उपलब्ध कराये जा रहे हैं. मात्र 500 रुपये में एक पुड़िया ब्राउन शुगर मिल जाता है.
इनके अलावा तनाव और अवसाद से ग्रस्त लोग भारी तादाद में दवा की दुकानों से बिना किसी प्रेस्क्रिप्शन के नींद की गोलियां और प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री हो रही है. इससे प्रतिदिन लाखों रुपये का वारा-न्यारा हो रहा है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि मादक पदार्थ किराने की दुकान से लेकर पान की दुकानों तक में बेची जा रही हैं. पुलिस द्वारा चलाये गये समय-समय पर अभियानों के दौरान ड्रग्स के कई कारोबारी पकड़े गये हैं. उसके बावजूद इस अवैध कारोबार में कोई कमी नहीं आयी है. जहां दवा बिक्रेता नशे की दवा देने से इंकार कर रहे हैं, वहीं ब्राउन शुगर की बिक्री तेज हो रही है.
इस संबंध में जिला पुलिस के सूत्रों के अनुसार, बीते डेढ़-दो महीनों में ड्रग्स के कारोबार से जुड़े 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें आठ ड्रग्स सेलर भी शामिल हैं. पुलिस विभाग ऐसे गैरकानूनी कारोबारियों पर लगातार नजर रखे हुए है.
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