जलदापाड़ा नेशनल पार्क. रेंजर व उनकी टीम ने दिखायी तत्परता
मदारीहाट : जलदापाड़ा नेशनल पार्क के लंकापाड़ा रेंज के रेंजर व उनकी टीम ने जंगली जीवों के अवैध शिकार की एक बड़ी कोशिश नाकाम कर दी है. इस दौरान उन्होंने सात पाइपगन बरामद की हैं. हालांकि वनकर्मी अवैध शिकारियों को पकड़ने में असमर्थ रहे. बताया जा रहा है कि शिकारी गिरोह में 10-12 लोग थे. […]
मदारीहाट : जलदापाड़ा नेशनल पार्क के लंकापाड़ा रेंज के रेंजर व उनकी टीम ने जंगली जीवों के अवैध शिकार की एक बड़ी कोशिश नाकाम कर दी है. इस दौरान उन्होंने सात पाइपगन बरामद की हैं. हालांकि वनकर्मी अवैध शिकारियों को पकड़ने में असमर्थ रहे. बताया जा रहा है कि शिकारी गिरोह में 10-12 लोग थे. जब्त किये गये हथियारों को मदारीहाट थाना को सौंप दिया गया.
रेंजर धीरज कामी ने बताया कि शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे गुप्त सूचना पाकर लंकापाड़ा रेंज के तीती चार नंबर कंपार्टमेंट में छापेमारी की गयी. पार्क के अंदर 10 से 12 लोगों को हथियार लेकर घूमते देख वनकर्मियों ने उनका पीछा किया. लेकिन अंधेरे का फायदा उठाते हुए सभी संदिग्ध अवैध शिकारी भाग निकले. फिर इलाके में तलाशी के दौरान दो स्थानों से कुल सात पाइपगन बरामद की गयीं. इनमें तीन लोडेड थीं. भागते समय वे लोग 12 जिंदा कारतूस वहीं फेंककर चले गये. उन्होने बताया कि इस क्षेत्र में तलाशी जारी है.
उल्लेखनीय है कि गत 21 नवंबर को भी इस क्षेत्र में दो तस्करों को आग्नेयास्त्र सहित गिरफ्तार किया गया था. जबकि 7 फरवरी को रामझोड़ा में हिरण शिकार मामले में एक बंदूक बरामद हुई थी. लंकापाड़ा के रेंजर धीरज कामी ने बताया कि नवंबर महीने से अबतक इस इलाके से 10 बंदूकें बरामद हो चुकी हैं. इससे पता चलता है कि इस क्षेत्र पर जंगली जीवों के तस्करों की नजर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि यह जंगल भूटान सीमा पर होने के कारण तस्करी के पश्चात आसानी से अपराधी भूटान भाग जाते है.
वन विभाग की ओर से जलदापाड़ा नेशनल पार्क की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. साथ ही वन्य जीवों के तस्करों के पार्क में घुसने को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा मदद की आशंका जतायी जा रही है. इसबात पर वन विभाग में खलबली मची हुई है. क्योंकि विभाग के पास पर्याप्त कर्मचारियों का अभाव है. वनकर्मी इलाका वासियों से लगातार तालमेल बनाकर जांच कर रहे हैं. बरामद हथियारों को मदारीहाट थाना को सौंप दिया गया है.