जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं सभी लोग
दो महिला व दूधमुंही बच्ची की हालत गंभीर कोलकाता रेफर किया गया सभी मूल रूप से मिरिक के रहनेवाले सिलीगुड़ी : बुधवार को न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) जंक्शन में जब रेलवे की ओर से ट्रेन हादसों से बचाव के लिए सुरक्षा अभियान के तहत मॉकड्रिल किया जा रहा था, ठीक उसी समय सिलीगुड़ी के निकट माटीगाड़ा […]
दो महिला व दूधमुंही बच्ची की हालत गंभीर
कोलकाता रेफर किया गया
सभी मूल रूप से मिरिक के रहनेवाले
सिलीगुड़ी : बुधवार को न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) जंक्शन में जब रेलवे की ओर से ट्रेन हादसों से बचाव के लिए सुरक्षा अभियान के तहत मॉकड्रिल किया जा रहा था, ठीक उसी समय सिलीगुड़ी के निकट माटीगाड़ा के सिटी सेंटर के सामने रेलवे ट्रेक पर दर्दनाक हादसा हो गया. माटीगाड़ा से सिलीगुड़ी जंक्शन की ओर जा रही सुबह तकरीबन 10.30 बजे एक पैसेंजर ट्रेन के चपेटे में एक ही परिवार के चार सदस्य आ गये. इस हादसे के शिकार दो महिला कमला छेत्री (57), लीला राई (37), 17 दिनों की एक दूधमुंही बच्ची कमला राई व आठ वर्षीय एक लड़का सुरेश राई हुए. स्थानीय लोगों की तत्परता से सभी को खून से लथपथ अवस्था में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
जहां कमला छेत्री, लीला व बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है. तीनों फिलहाल मेडिकल कॉलेज में ही जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. चिकित्सकों ने तीनों को कोलकाता रेफर का निर्देश दे दिया है. खबर लिखें जाने तक तीनों मेडिकल कॉलेज में ही भर्ती थे. वहीं, लड़का सुरेश राई को प्राथमिक उपचार के बाद आज ही छुट्टी दे दिया गया. सुरेश को आंशिक चोटें पहुंची थी. ट्रेन हादसे का शिकार पूरा परिवार मूलरुप से मिरिक का रहनेवाला है.
जख्मी लीला के पति राजू राई का कहना है कि कमला छेत्री उनकी सास है. सुरेश व कमला राई उनके ही बच्चे हैं. वह काम की तलाश में चार-पांच दिन पहले ही पूरे परिवार के साथ मिरिक से सिलीगुड़ी आये थे. यहां सिटी सेंटर के सामने वह मोहम्मद आबूबकर अली के दादा भाई पाइस होटल में बतौर रसोईया तीन दिन पहले ही काम पर लगे. सिटी सेंटर के पास चेंग मोड़ के नजदीक ही मोहम्मद अली के घर पर ही पूरे परिवार के साथ रहने भी लगा. वह आज सुबह छह बजे ही होटल चला गया.
लीला अपनी मां व दोनों बच्चों को साथ लेकर सुबह करीब 10.30 बजे होटल आ रही थी. ट्रैक पार करने के दौरान ही चारों ट्रेन की चपेटे में आ गये. राजू का कहना है कि आर्थिक रुप से वह काफी कमजोर हैं. तीनों का इलाज कैसे करायेंगे यह उनकी सबसे बड़ी चिंता है. खबर लिखे जाने तक सिलीगुड़ी जंक्शन या माटीगाड़ा स्टेशन के जीआरपी थाना में इस हादसे को लेकर कोई मामला दायर
नहीं हुआ.