आज मनुष्य को स्वार्थ के अलावा कुछ नहीं सूझता
दो दिवसीय प्रादेशिक निरंकारी संत समागम में बोलीं सतगुरु माताजी सिलीगुड़ी : आज मानव का अहंभाव इतना प्रबल है कि उसे स्वार्थ के अलावा कुछ सूझता ही नहीं है. इस स्थिति का मूल कारण यह है कि मानव ईश्वर से दूर है. ये उद्गार निरंकारी सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज के हैं. शनिवार देर […]
दो दिवसीय प्रादेशिक निरंकारी संत समागम में बोलीं सतगुरु माताजी
सिलीगुड़ी : आज मानव का अहंभाव इतना प्रबल है कि उसे स्वार्थ के अलावा कुछ सूझता ही नहीं है. इस स्थिति का मूल कारण यह है कि मानव ईश्वर से दूर है. ये उद्गार निरंकारी सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज के हैं.
शनिवार देर शाम वह पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और पूर्वोत्तर राज्यों के दो-दिवसीय प्रादेशिक निरंकारी संत समागम में विशाल जनसमूह को सम्बोधित कर रही थीं. इस समागम में इस क्षेत्र के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा सहित अन्य अनेक स्थानों से आये श्रद्धालु भाग ले रहे हैं.
नेपाल से भी अनेक भाई-बहन पधारे हैं. सतगुरु माता जी ने कहा कि आज का इनसान गुरु-पीर-पैगम्बरों को तो मान रहा है, परन्तु उनकी बात नहीं मान रहा. हमें उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में ढालना होगा.सतगुरु माताजी ने कहा कि हर संत का जीवन ऐसा ज्ञानमय एवं भक्तिमय बन जाये जैसे बाबा हरदेव सिंह जी महाराज चाहते थे. उन्होंने 36 वर्ष तक ऐसा जीवन जीकर हम सब को शिक्षा दी. ऐसा जीवन जीकर ही हर संत संसार के लिए प्रेरणास्रोत बन सकता है और फूलों की तरह सारे वातावरण को सुंदर तथा सुगंधित बना सकता है. सत्संग कार्यक्रम में अनेक महात्माओं ने भक्ति भरे गीतों, कविताओं तथा वक्तव्यों द्वारा मिशन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला.
रविवार का समागम सेवादल रैली से प्रारंभ हुआ. इसमें सेवादल की वर्दी पहने हजारों भाई-बहन शामिल हुए. रैली के प्रारंभ में सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज ने फूलों से सुसज्जित एक खुले वाहन में खड़े होकर निरीक्षण किया और सेवादल सदस्यों को आशीर्वाद दिया. सतगुरु माता जी ने प्रेम, शांति और सहयोग के प्रतीक सफेद रंग का ध्वजारोहण किया. उसके बाद सेवादल के उपस्थित सदस्यों ने पीटी, योग एवं खेल अभ्यास आदि प्रस्तुत किये.