आक्रासु समर्थकों ने रोकी ट्रेन
पूरे पूर्वोत्तर में रेलसेवा चरमरायी विभिन्न स्टेशनों पर घंटों रूकी रही ट्रेनें सिलीगुड़ी/कूचबिहार. कामतापुर राज्य गठन की मांग को लेकर एक बार फिर ऑल कोच राजवंशी स्टूडेंट्स यूनियन (आक्रासु) सक्रिय हो गई है. शुक्रवार को संगठन के सदस्यों ने असम के कोकराझाड़ में कई घंटों तक दूरगामी ट्रेनों को रोके रखा. इसकी वजह से असम […]
पूरे पूर्वोत्तर में रेलसेवा चरमरायी
विभिन्न स्टेशनों पर घंटों रूकी रही ट्रेनें
सिलीगुड़ी/कूचबिहार. कामतापुर राज्य गठन की मांग को लेकर एक बार फिर ऑल कोच राजवंशी स्टूडेंट्स यूनियन (आक्रासु) सक्रिय हो गई है. शुक्रवार को संगठन के सदस्यों ने असम के कोकराझाड़ में कई घंटों तक दूरगामी ट्रेनों को रोके रखा. इसकी वजह से असम सहित पूरे उत्तर बंगाल में रेल सेवा चरमरा गयी. कई महत्वपूर्ण ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोके रखा गया. असम की ओर से कोई ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन नहीं आ रही थी.
इसके कारण रेल यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. रेल रोको आंदोलन के चलते पूर्वोत्तर सीमांत रेल क्षेत्र में ट्रेनों की आवाजाही बाधित रही. आज फकीराग्राम स्टेशन पर अप त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस, कामाख्यागुड़ी स्टेशन पर अप दादर एक्सप्रेस, न्यू कूचबिहार स्टेशन पर अप राजधानी एक्सप्रेस और फालाकाटा स्टेशन पर अप कामरूप एक्सप्रेस को रोक देना पड़ा.इसके अलावा एनजेपी स्टेशन पर भी कई ट्रेनें रूकी रही. दोपहर 12.45 के करीब रेल अवरोध समाप्त हुआ. रेलवे अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसा शाम तक रेल सेवा सामान्य हो गयी थी.
हांलाकि इस आंदोलन के कारण कई ट्रेनें काफी देरी से चल रही है. उल्लेखनीय है कि अलग राज्य गठन की मांग को लेकर आक्रासु ने रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया था. इसके चलते एनएफ रेलवे प्रबंधन ने पहले से ही कामाख्या इंटरसिटी एक्सप्रेस, धुबरी पैसेंजर ट्रेन के अलावा कई ट्रेनों को रद्द कर दिया था.
इधर,संगठन के सूत्रों के अनुसार रेल अवरोध को लेकर गुरुवार की रात से ही हजारों की संख्या में आक्रासु कार्यकर्ता व समर्थक कोकराझाड़ स्टेशन पर जमा हो गये थे. इसके बाद शुक्रवार को तड़के पांच बजे से रेल अवरोध शुरू किया गया.एनएफ रेलवे के अलीपुरद्वार डिवीजन के डीआरएम चन्द्रवीर रमन ने मीडिया को बताया कि रेल रोको आंदोलन के चलते कोकराझाड़ स्टेशन पर कई ट्रेनों को रोक देना पड़ा. वहीं विभिन्न स्टेशनों पर भी कई दूरगामी ट्रेनों को रोक देना पड़ा.