4जी के जमाने में भी ताराबाड़ी गांव बदहाल
खोरीबाड़ी : चिकित्सा की भी कोई सुविधा नहीं बिजली की व्यवस्था भी इस गाव को कुछ माह पहले ही मिली है आज लोग नित नये साधनों का उपभोग कर सुखमय जीवान बीता रहे हैं. लोग इंटरनेट के युग में जी रहे हैं. ऐसे में एक ऐसा भी गांव है जहां सुविधा के नाम पर कुछ […]
खोरीबाड़ी : चिकित्सा की भी कोई सुविधा नहीं बिजली की व्यवस्था भी इस गाव को कुछ माह पहले ही मिली है आज लोग नित नये साधनों का उपभोग कर सुखमय जीवान बीता रहे हैं. लोग इंटरनेट के युग में जी रहे हैं. ऐसे में एक ऐसा भी गांव है जहां सुविधा के नाम पर कुछ भी मयस्सर नहीं है.
ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के लोग अपना जीवन-यापन किस तरह कर रहे हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं खोरीबाड़ी प्रखंड के बिन्नाबाड़ी पंचायत अंतर्गत ताराबाड़ी गांव की. ताराबाड़ी गांव आदिवासी बहुल गांव है जिसकी आबादी लगभग डेढ़ सौ है. यहां सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ बिजली है जो कि महज कुछ महीने पहले दी गयी है. गांव के एक बुजुर्ग मेणाज पहाण कहते हैं कि हमलोगों की जिंदगी बीत गयी, लेकिन आज तक हमलोगों के गांव में आवागमन करने के लिये सड़क नहीं है.
श्री पहाण ने कहा कि यहां के लोगों की जीविका का मुख्य स्रोत खेती और मजदूरी है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण लौह युक्त पानी पीने को हमलोग विवश हैं. ग्रामीणों की समस्याओं के बाबत जब पंचायत के प्रधान प्रतिनिधि से सम्पर्क करने की कोशिश की गयी, तो फोन नहीं लगने के कारण उनसे सम्पर्क नहीं हो सका. बहरहाल जो भी हो, यह गांव समस्याओं के मकड़जाल में फंस कर किसी उद्धारक की बाट जोह रहा है.
इलाज व शिक्षा व्यवस्था नदारद
गांव के गीता उरांव, कमल पहाण, बिस्तो पहाण ने कहा कि हमारे बच्चे अपनी पढ़ाई के लिये तीन किलोमीटर दूर डान्गुजोत विद्यालय जाते हैं. इलाज के लिये दस से बारह किलोमीटर दूर खोरीबाड़ी अस्पताल जाना पड़ता है. अगर रात्रि के समय कोई बीमार पड़ जाए तो हम ग्रामीणों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.