जलपाईगुड़ी: हाथी के हमले में चाय श्रमिक की मौत के बाद सड़क पर आक्रोश
जलपाईगुड़ी : शनिवार देर रात माल ब्लॉक के उदलाबाड़ी ग्राम पंचायत इलाके में हाथी के हमले से एक चाय श्रमिक की मौत हो गयी. घटना से गुस्साए श्रमिकों ने उदलाबाड़ी चाय बागान मोड़ में राज्य सड़क का अवरोध किया. माल थाना पुलिस ने अवरोधकारियों को समझा बुझाकर अवरोध हटाने की कोशिश की. पुलिस सूत्रों से […]
जलपाईगुड़ी : शनिवार देर रात माल ब्लॉक के उदलाबाड़ी ग्राम पंचायत इलाके में हाथी के हमले से एक चाय श्रमिक की मौत हो गयी. घटना से गुस्साए श्रमिकों ने उदलाबाड़ी चाय बागान मोड़ में राज्य सड़क का अवरोध किया. माल थाना पुलिस ने अवरोधकारियों को समझा बुझाकर अवरोध हटाने की कोशिश की.
पुलिस सूत्रों से पता चला है कि मृत श्रमिक का नाम अमित मुंडा (51) है. मृतक उदलाबाड़ी चाय बागान के धुमसीगाड़ा इलाके का निवासी था. जानकारी मिली है कि अमित शनिवार देर रात बाथरुम जाने के लिए बाहर निकला था. उसी समय झाड़ी के पास खड़े एक दतैल हाथी ने उसपर हमला कर दिया.
हाथी ने उसे उठाकर पटक दिया. इसके बाद उसे पैरों से रौंदने लगा. रात के लगभग 2.30 बजे माल स्क्वाड के तारघेरा रेंज के वनकर्मी एवं माल थाना पुलिस आकर शव को बरामद कर ले गयी.
एक महीने में चार लोगों की मौत से सनसनी, गुस्साये लोगों ने किया सड़क जाम
पिछले एक महीनेंमें इस ग्राम पंचायत के विभिन्न इलाकों में हाथी के हमले से चार लोगों की मौत हुई है. गुस्साए इलाकावासियों ने मृतकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी एवं इलाके में वनकर्मियों की गश्ती बढ़ाने सहित विभिन्न मांगें रखी. इन मांगों के समर्थन में उदलाबाड़ी चाय बागान मोड़ पर राज्य सड़क को इलाकावासियों ने जाम कर दिया.
सुरज उंराव एवं दुलाल मुंडा ने कहा कि पिछले एक महीने में इलाके में चार लोगों को हाथियों ने मार डाला है. हाथी के इलाके में दाखिल होने पर वनकर्मी काफी देर से पहुंचते है. इसका समाधान नहीं निकलने तक अवरोध जारी रहेगा.
तारघेरा रेंजर दुलाल घोष ने बताया कि हर रोज गश्त की जाती है. सरकारी नियमानुसार मृतक के परिवारों को मुआवजा दिया जायेगा. माल बीडीओ भूषण शेर्पा ने कहा की अवरोध कारियों को समझाने की कोशिश की जा रही है.
अलग राज्य पर सबके साथ होगी चर्चा: दार्जिलिंग. नेशनल गोरखालैंड कमेटी गोरखालैंड राज्य के प्रति समर्पित राजनैतिक दलों के साथ गोरखालैंड विषय पर चर्चा करेगी. शनिवार को स्थानीय गोरखा दुख निवारक सम्मेलन में नेशनल गोरखालैंड कमेटी की एक गुप्त बैठक आयोजित हुई.