रायगंज : चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया सब पर भारी

रायगंज : पंचायत चुनाव को लेकर उत्तर दिनाजपुर जिले में चुनाव प्रचार का मुख्य माध्यम सोशल मीडिया है. यह कार्यकर्ताओं के लिए सुविधाजनक भी है और आम जनता तक पहुंचने का एक सशक्त माध्यम भी. हालांकि इसके चलते दीवाल लेखन की जो कलाकारिता पहले देखने को मिलती थी, वह इन दिनों नदारद है या कम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2018 1:29 AM
रायगंज : पंचायत चुनाव को लेकर उत्तर दिनाजपुर जिले में चुनाव प्रचार का मुख्य माध्यम सोशल मीडिया है. यह कार्यकर्ताओं के लिए सुविधाजनक भी है और आम जनता तक पहुंचने का एक सशक्त माध्यम भी. हालांकि इसके चलते दीवाल लेखन की जो कलाकारिता पहले देखने को मिलती थी, वह इन दिनों नदारद है या कम देखने को मिल रही है.
राजनीतिक दलों के पुराने नेताओं की मानें तो पहले प्रचार का रंगरूप ही अलग था. चुनाव से कई महीने पहले ही अलग-अलग राजनीतिक दल अपने लिए उपयुक्त साइट पर अधिकार करने वाले मार्क लगा देते थे. दीवालों पर विरोधी राजनीतिक दल के बारे में किस तरह की कविताएं और पंक्तियां लिखी जाएं इस पर घंटों चाय दुकानों में चर्चा होती थी. लेकिन सोशल मीडिया के हस्तक्षेप के चलते अब यह अतीत की बातें रह गई हैं. हालांकि अब भी जहां-तहां दीवारों पर राजनीतिक नारे आज भी दिखाई पड़ते हैं जिन पर आम जनता की नजर पड़ती है.
उल्लेखनीय है कि स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया ने चुनाव प्रचार के तौर तरीकों को एकदम से बदल दिया है. इस माध्यम से प्रत्याशी वोटरों से सीधे संवाद कम समय में कर पाते हैं. इसके अलावा उन्हें सोशल मीडिया के जरिये पता चलता है कि इस क्षेत्र की बुनियादी समस्याएं और मसले कौन-कौन से हैं जिन पर उन्हें फोकस करना चाहिए.
जिले के वरिष्ठ तृणमूल नेता ने बताया कि 80 के दशक में वे लोग रात-रात भर जागकर राजनीतिक कविताएं तैयार करते थे. उसके बाद दीवार लेखन का काम चलता था, जिसमें एक अलग तरह का उत्साह और कलाकारिता थी. जिला भाजपा के एक नेता का कहना है कि कविताओं के माध्यम से राजनीतिक बहस में एक अलग तरह का मजा था. लेकिन यह सब अब इतिहास बनते जा रहे हैं. अब तो सोशल मीडिया के जरिये ही प्रचार का काम मिनटों में हो जा रहा है.

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