बानरहाट :एक बार फिर एक बाइसन की मौत उसे पकड़ने के दौरान हो गयी. वहीं, बाइसन के हमले में एक चाय श्रमिक गंभीर रूप से जख्मी हो गया है. सनचरिया नायक (40) का फिलहाल बानरहाट अस्पताल में इलाज चल रहा है. गुरुवार की सुबह यह घटना डुआर्स के चूनाभट्टी इलाके में घटी है.
जानकारी के अनुसार, चूनाभट्टी चाय बागान के श्रमिकों ने नींद से जागते ही तीन बाइसनों को वहां घूमते देखा तो इसकी सूचना तत्काल ही बिन्नागुड़ी वन्य प्राणी स्क्वाड को दी गयी. इस बीच तीनों बाइसन चाय बागान से निकलकर कठालगुड़ी और चूनाभट्टी चाय बागानों के बीचोबीच नाले तक पहुंचे. इलाके के कुत्तों और श्रमिकों के पीछा करने के चलते दो बाइसन सुबह आठ बजे के करीब वापस रेती जंगल लौट गये, जबकि तीसरा बाइसन वहीं पर रह गया. बाइसन के हमले में सनचरिया नायक घायल हो गया.
इस बीच बाइसन की खबर फैलते ही काफी लोग वहां जमा हो गये. इसके चलते बानरहाट थाना पुलिस को बुलाया गया. हालात से निबटने के लिये बानरहाट, खुनिया और चालसा रेंज के वनकर्मियों को भी बुलाया गया. सुबह से धमाचौकड़ी मचाने कर रहे बाइसन के दाहिने पैर में चोट लगी थी. नहीं चल पाने के चलते वह करीब पांच घंटे तक नाले में ही पड़ा रहा.
इस बीच जिले का कोई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. करीब सात घंटे के बाद जलपाईगुड़ी के उप वनाधिकारी राजू सरकार पहुंचे तब जाकर बाइसन पर बेहोशी का इंजेक्शन दागा गया और उसे नाले से बाहर निकाला गया. सूत्र के अनुसार उसे वहां से निकालने के क्रम में ही उसने दम तोड़ दिया.
बिन्नागुड़ी वन्य प्राण स्क्वाड के रेंजर जलधर राय ने बताया कि सुबह रेती जंगल से तीन बाइसन इलाके में घुसे थे. दो वापस लौट गये जबकि तीसरा नाले में फंस गया. उसे बेहोशी का इंजेक्शन देने के बाद उसकी मौत हो गयी. चूनाभट्टी चाय बागान के श्रमिक मुकेश खड़िया ने बताया कि करीब पांच घंटे तक बाइसन नाले में कराहता रहा. उसे निकालने में ज्यादा देर होने से ही उसकी मौत हुई है.