बौद्ध भिक्षु समेत दो गिरफ्तार
दोनों भूटान के नागरिक, एक है पर्यटन व्यवसायी जलपाईगुड़ी अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा उत्तर बंगाल वन विभाग ने थिंपू वन विभाग से साधा संपर्क सिलीगुड़ी : तेंदुए की खाल के साथ वन विभाग की उत्तर बंगाल टास्क फोर्स ने भूटान के एक बौद्ध भिक्षु और एक पर्यटन व्यवसायी को गिरफ्तार […]
दोनों भूटान के नागरिक, एक है पर्यटन व्यवसायी
जलपाईगुड़ी अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
उत्तर बंगाल वन विभाग ने थिंपू वन विभाग से साधा संपर्क
सिलीगुड़ी : तेंदुए की खाल के साथ वन विभाग की उत्तर बंगाल टास्क फोर्स ने भूटान के एक बौद्ध भिक्षु और एक पर्यटन व्यवसायी को गिरफ्तार किया है. भूटान से तेंदुए की खाल अलीपुरद्वार जिले के हासीमारा होकर कालिम्पोंग ले जाने की योजना थी.
कालिम्पोंग से खाल को चीन भेजने की तैयारी थी. दोनों आरोपियों को शनिवार को जलपाईगुड़ी अदालत में पेश किया गया. अदालत ने आरोपियों को 14 दिन की जेल हिरासत में भेजा है. इधर, उत्तर बंगाल टास्क फोर्स ने इस मामले की जांच को लेकर भूटान के थिंपू वन विभाग से संपर्क साधा है.
गिरफ्तार आरोपियों का नाम तेंपा ग्यालसेन व कर्मा तेंजिग बताया गया है. तेंपा ग्यालसेन थिंपू स्थित एक बौद्ध गुम्पा में भिक्षु है. वन विभाग के टास्क फोर्स से मिली जानकारी के अनुसार, इस तस्करी की गुप्त जानकारी वन विभाग को पहले से थी. इसी के आधार पर भूटान नंबर की नीली कार (बीपी 1सी 7149) का पीछा कर उसे हासीमारा स्टेशन के पास रोका गया. गाड़ी में सवार दो लोग फरार होने में सफल रहे, जबकि दो लोगों को टास्क फोर्स ने गिरफ्तार कर लिया है. जब्त तेंदुए की खाल करीब दो महीने पुरानी है.
वन विभाग का अनुमान है कि इस तेंदुए की हत्या करीब दो महीने पहले की गयी है. संभवत: सामसी के जंगलों में यह शिकार किया गया होगा. इस तेंदुए को गोली से नहीं, बल्कि जाल या गड्ढे में फंसाकर मार गया होगा. विष खिलाकर मारने की संभावना काफी कम है क्योंकि खाल का बाल उड़ा नहीं है. तेंदुए की इस खाल की डील कालिम्पोंग में किसी के साथ पांच लाख में तय हुई थी.
उत्तर बंगाल वन विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वनपाल एमआर बालोच ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपियों को शनिवार जलपाईगुड़ी अदालत में पेश कर दिया गया.
अदालत ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. भूटान के थिंपू वन विभाग को इस मामले से अवगत करा दिया है. थिंपू वन विभाग ने भी अपने स्तर पर इस मामले की छानबीन शुरू की है.