मयनागुड़ी : पानबाड़ी-कालीबाड़ी क्षेत्र में तेंदुए की दहशत
मवेशियों को खींच ले जाने की घटनाएं, लगाये गये पिंजरा मयनागुड़ी : तेंदुओं के उपद्रव से मयनागुड़ी ब्लॉक अंतर्गत रामसाई ग्राम पंचायत के पानबाड़ी-कालीबाड़ी क्षेत्र में दहशत है. इस इलाके में आये दिन तेंदुए पालतू पशुओं का शिकार कर लेते हैं. इससे स्थानीय ग्रामीणों में चिंता और खौफ व्याप्त है. शनिवार की रात को स्थानीय […]
मवेशियों को खींच ले जाने की घटनाएं, लगाये गये पिंजरा
मयनागुड़ी : तेंदुओं के उपद्रव से मयनागुड़ी ब्लॉक अंतर्गत रामसाई ग्राम पंचायत के पानबाड़ी-कालीबाड़ी क्षेत्र में दहशत है. इस इलाके में आये दिन तेंदुए पालतू पशुओं का शिकार कर लेते हैं. इससे स्थानीय ग्रामीणों में चिंता और खौफ व्याप्त है.
शनिवार की रात को स्थानीय निवासी मानिक देवनाथ के ग्वालघर से दो सप्ताह के बछड़े को तेंदुआ खींच कर ले गया था. इससे पहले भी बालक दास उरांव, संजू नायक के घरों से बकरियों और सुअरों को ले जाने की घटना घटी है.स्थानीय निवासी बप्पा देवनाथ और टोकन विश्वास ने बताया कि पहले इस इलाके में तेंदुओं की आवाजाही नहीं थी. लेकिन हाल के दिनों में इनकी आवाजाही आये दिन हो रही है.
इस वजह से शाम होते ही लोग अपने दरवाजे-खिड़कियां बंद कर लेते हैं. सबसे ज्यादा चिंता इन लोगों को अपने बच्चों की है. उल्लेखनीय है कि यहां से जलढाका नदी, गोरुमारा और नाथुआ जंगल निकट है. वहीं से ये तेंदुए आ रहे हैं. ये तेंदुए जंगल से आकर आसपास के चाय बागानों में आश्रय लेते हैं. तेंदुओं की आवाजाही बढ़ने से वन विभाग के रामसाई रेंज की तरफ से इलाके में पिंजरे लगाये गये हैं.
रामसाई रेंज के वनकर्मी कंचन ठाकुर ने बताया कि इलाके में और भी दो पिंजरे लगाये गये हैं. स्थानीय लोगों को सतर्क कर दिया गया है, जबकि वनकर्मी नियमित रूप से गश्त लगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि चाय बागानों में तेंदुए आसानी से छिप जाते हैं और वही से पालतू पशुओं का शिकार करते हैं.