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आधा सत्र बीतने को, अभी तक नहीं मिली किताबें

अंग्रेजी माध्यम की किताबें सत्र के अंत तक आने का अनुमान हिंदी माध्यम के छात्रों को भी मिल पाया है केवल आधा सेट मोहन झा सिलीगुड़ी : राज्य शिक्षा विभाग ने फरमान जारी कर इसी शिक्षा सत्र से सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल के चुनिंदा स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू तो करवा दी है, […]

अंग्रेजी माध्यम की किताबें सत्र के अंत तक आने का अनुमान
हिंदी माध्यम के छात्रों को भी मिल पाया है केवल आधा सेट
मोहन झा
सिलीगुड़ी : राज्य शिक्षा विभाग ने फरमान जारी कर इसी शिक्षा सत्र से सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल के चुनिंदा स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू तो करवा दी है, लेकिन आधा सत्र गुजरने पर भी विद्यार्थियों को किताबें नहीं दी गयी है. इस सत्र में अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों को किताबें मिलेगी भी या नहीं, वह भी सुनिश्चित नहीं है. किताब के आभाव में अंग्रेजी माध्यम के छात्र बांग्ला माध्यम के विद्यार्थियों से पाठ्यक्रम में काफी पिछड़ रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए पढ़ाना भी मुश्किल हो रहा है.
वर्तमान राज्य सरकार ने पुराने शिक्षा सत्र अप्रैल से मार्च को बदल कर जनवरी से दिसंबर कर दिया है. इस बार भी जनवरी महीने से सभी विद्यालयों में पढ़ाई शुरू हुई. किताबों व अन्य बुनियादी सुविधाओं के अभाव में सिलीगुड़ी ब्वॉयज व सिलीगुड़ी गर्ल्स हाइस्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पांचवी कक्षा की पढ़ाई शुरू कराने में कुछ समय लगा.
सिलीगुड़ी गर्ल्स हाइस्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पांचवी कक्षा में पढ़ाई 3 मई से शुरू हुई है. जबकि बांग्ला, हिंदी, नेपाली व उर्दू माध्यम के सरकारी विद्यालयों में इस शिक्षा सत्र का पहला यूनिट टेस्ट भी लिया जा चुका है. लेकिन किताब के अभाव में सिलीगुड़ी गर्ल्स व सिलीगुड़ी ब्वॉयज में अंग्रेजी माध्यम की पांचवी कक्षा का पहला यूनिट टेस्ट भी नहीं लिया गया है. स्वाभाविक रूप से इस कक्षा के विद्यार्थी अन्यमाध्यम के विद्यार्थियों से पाठ्यक्रम में पिछड़े हुए हैं. जिसकी वजह से विद्यार्थियों को आगे भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
शिक्षक और शिक्षिकाएं भी परेशान
किताब के अभाव में विद्यार्थियों को पढ़ना भी मुश्किल हो रहा है. शिक्षक व शिक्षिकाओं के लिए पढ़ाना भी काफी कठिन है. शिक्षक व शिक्षिकाओं ने बांग्ला किताब का अंग्रेजी अनुवाद कर पढ़ाना शुरू किया है. सिलीगुड़ी गर्ल्स हाई स्कूल की शिक्षिका का कहना है कि किताब के अभाव में बच्चों को प्रश्नोत्तर कराना मुश्किल हो रहा है. कक्षा में हल कराये गये प्रश्नों पर ही परीक्षा लेना भी उनकी नैतिकता के खिलाफ है.
इस संबंध में सिलीगुड़ी गर्ल्स हाइ स्कूल की प्रधान शिक्षिका सेफाली सिन्हा ने बताया कि अंग्रेजी माध्यम का किताब अब तक नहीं आया है. बांग्ला किताब से अनुवाद कर शिक्षिकाएं पढ़ा तो रही हैं लेकिन विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है. किताब उपलब्ध कराने के लिए बार-बार शिक्षा विभाग को लिखा जा रहा है. इधर, उच्च माध्यमिक में भी अंग्रेजी माध्यम शुरू कराने की कवायद तेज है. लेकिन ऐसी परिस्थिति में छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
हिंदी माध्यम के स्कूल भी परेशान
सिर्फ इतना ही नहीं चुनाव प्रक्रिया में राज्य सरकार इतनी रम गयी है कि इस बार हिंदी माध्यम के विद्यालयों में कक्षा पांचवी से लेकर बारहवीं तक की आधी से ज्यादा किताबें अब तक उपलब्ध नहीं करायी गयी हैं.
एक तरह से देखा जाए तो सिलीगुड़ी शिक्षा जिला के प्रत्येक सरकारी विद्यालय में किताब का अभाव है. इस संबंध में सिलीगुड़ी शिक्षा जिला डीआई कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रत्येक शिक्षा सत्र जनवरी के लिए छह महीने पहले जून तक नेश्नल टेक्स्ट बुक कॉर्पोरेशन को सूची भेजनी होती है. लेकिन इस बार सरकार ने जनवरी में ही अंग्रेजी माध्यम शुरू करने का निर्देश जारी किया है. इसकी वजह से अंग्रेजी माध्यम की किताबं छापने में देरी हुई. अगले सत्र से यह समस्या नहीं होगी.

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