मुकुल राय का करीबी सहयोगी प्रवाल राहा गिरफ्तार
जलपाईगुड़ी : राजनीतिक हिंसा के आरोपों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल राय के निकट सहयोगी प्रवाल राहा को गिरफ्तार कर लिया गया है. शनिवार को कोतवाली थाना पुलिस ने युवक पुण्यव्रत मित्रा से नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लाख रुपए की ठगी व धोखाधड़ी के मामले में उन्हें जलपाईगुड़ी के पांडापाड़ा स्थित […]
जलपाईगुड़ी : राजनीतिक हिंसा के आरोपों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल राय के निकट सहयोगी प्रवाल राहा को गिरफ्तार कर लिया गया है. शनिवार को कोतवाली थाना पुलिस ने युवक पुण्यव्रत मित्रा से नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लाख रुपए की ठगी व धोखाधड़ी के मामले में उन्हें जलपाईगुड़ी के पांडापाड़ा स्थित निवास से गिरफ्तार किया गया.
इसके अलावा आज ही अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद (बारला गुट) के नेता जॉन बारला के सहयोगी और संगठन के जिला उपाध्यक्ष राजू सहनी को भी उनके 20 सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया गया है.
दोनों ही मामलों में कोतवाली थाना ने 14 दिनों के रिमांड के लिए जलपाईगुड़ी अदालत में अर्जी दी है. वहीं, प्रवाल राहा ने उन पर लगे आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि उन्हें खुद नहीं मालूम कि उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया है. आज ही उनकी गिरफ्तारी के बाद कोतवाली थाना के आईसी विश्वाश्रय सरकार ने अपने चेम्बर में प्रवाल राहा से चार घंटे तक पूछताछ की. वहीं, एसपी अमिताभ माइती ने बताया कि आर्थिक दोहन समेत प्रवाल राहा के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी 420 और 506 के तहत मामले दर्ज किये गये हैं. राजू सहनी के बाबत आईसी ने बताया कि उनपर तृणमूल के कार्यकर्ताओं पर आग्नेयास्त्र से हमला करने का मामला है.
उल्लेखनीय है कि प्रवाल राहा तृणमूल की सरकार बनने से पहले फॉरवर्ड ब्लॉक के राज्य सचिव मंडलीय सदस्य थे. जलपाईगुड़ी केंद्रीय सहकारिता बैंक को लेकर आरोपों से घिरे दल के जिलाध्यक्ष गोविंद राय के साथ मतभेद के चलते उन्होंने दल छोड़ दिया. बाद में वे मुकुल राय के साथ भाजपा में शामिल हो गये. वे तृणमूल कांग्र्रेस के कोलकाता के तपसिया स्थित ऑफिस में नियमित रुप से बैठते थे. भाजपा की राज्य कमेटी का सदस्य बनाये जाने के अलावा उन्हें इस बार पंचायत चुनाव में जिला पर्यवेक्षक बनाया गया है. उसी के बाद वे जलपाईगुड़ी में डेरा जमाये हुए थे. उन पर चुनाव को लेकर लोगों में रुपए बांटने का भी आरोप है.
प्रवाल राहा की पत्नी जयिता राहा ने बताया कि पुलिस ने उन्हें घर से ले जाते हुए यह नहीं बताया कि उन्हें क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है. यह एक राजनैतिक षडयंत्र है. वहीं, तृणमूल से मंत्री और जिला पर्यवेक्षक अरुप विश्वास ने बताया कि प्रवाल राहा जिले में चुनाव को लेकर गोलमाल करने के लिये आये थे.
कोतवाली थाने से जिला सत्र अदालत ले जाये जाने के दौरान प्रवाल राहा ने बताया कि यह उनके कर्मों का फल है. हालांकि नौकरी को लेकर आर्थिक दोहन के आरोपों से उन्होंने इंकार किया है. चुनाव के दौरान रुपए रखने के बारे में कहा कि चुनाव में नेता के पास रुपए नहीं होंगे तो वह कैसे काम करेगा?
प्रवाल राहा पर धोखाधड़ी और चारसौबिसी का आरोप लगाने वाले युवक पुण्यव्रत मित्रा ने अपने लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि पिछले साल दुर्गापूजा के समय उन्होंने नौकरी के लिये प्रवाल राहा को 4 लाख और काली पूजा के समय 2 लाख रुपए दिये थे. लेकिन उन्होंने न तो नौकरी दिलायी और न ही रुपए लौटाये. उसके बाद ही शिकायत दर्ज करायी है.
उधर, एक अन्य आरोपी राजू साहनी ने उन पर लगे हमले के आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि उन पर बेबुनियाद मामले लगाये गये हैं.
तृणमूल का चाय बागानों में हार निश्चित है. इसीलिये उन्हें व उनके सहयोगियों को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है. वहीं, भाजपा के जिलाध्यक्ष देवाशीष चक्रवर्ती ने पहले जॉन बारला और उसके बाद प्रवाल राहा को गिरफ्तार किया गया. इस तरह से बदले की कार्रवाई से भाजपा को दबाना संभव नहीं है.