दो विभागों की खींचतान में अंडरपास निर्माण लटका
मयनागुड़ी : ट्रेन के धक्के से हाथी व अन्य वन्य जीवों की मौत की रोकथाम के लिए चापड़ामारी जंगल में प्रस्तावित अंडरपास का काम दो विभागों के खींचतान में फंस गया है. इस कार्य के लिए 100 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है. रेलवे व वन विभाग ने संयुक्त रूप से कार्य पर सहमति […]
मयनागुड़ी : ट्रेन के धक्के से हाथी व अन्य वन्य जीवों की मौत की रोकथाम के लिए चापड़ामारी जंगल में प्रस्तावित अंडरपास का काम दो विभागों के खींचतान में फंस गया है. इस कार्य के लिए 100 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है. रेलवे व वन विभाग ने संयुक्त रूप से कार्य पर सहमति जतायी थी. लेकिन यह रुपए कौन सा विभाग देगा, इसी खींचतान में कार्य पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे है.
उत्तरपूर्व सीमांत रेलवे के अलीपुरद्वार डिविजन के डीआरएम चंद्रवीर रमन ने बताया कि संयुक्त समीक्षा का एक रिपोर्ट वन विभाग को भेजा जायेगा. रिपोर्ट देखने के बाद अगर अंडरपास व ओवरपास बनाने के लिए सहमती व वित्तीय सहायता का अनुमोदन मिले तो रेलवे की ओर से काम किया जायेगा. वहीं वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन ने कहा कि रेलवे की जमीन पर रेलवे अंडरपास बनायेगा. इसके लिए वन विभाग रुपए क्यों देगा. अंडरपास के लिए रुपए रेलवे को ही देना होगा. मंत्री ने आगे कहा कि रेलवे अंडरपास बनाना नहीं चाहता है. इसे लेकर रेलवे विभाग के साथ चर्चा की जायेगी.