नागराकाटा में बड़ी ताकत के रूप में उभरी भाजपा

नागराकाटा : डुवार्स के चाय बागान क्षेत्र के पंचायत चुनाव में भाजपा को कई ब्लॉक में सफलता मिली है. इनमें नागराकाटा ब्लॉक प्रमुख रुप से उभरा है. नागराकाटा ब्लॉक की 5 ग्राम पंचायतों में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कब्जे में केवल दो ग्राम पंचायत आयी है. अन्य दो में से एक पर भाजपा, एक पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2018 1:57 AM
नागराकाटा : डुवार्स के चाय बागान क्षेत्र के पंचायत चुनाव में भाजपा को कई ब्लॉक में सफलता मिली है. इनमें नागराकाटा ब्लॉक प्रमुख रुप से उभरा है. नागराकाटा ब्लॉक की 5 ग्राम पंचायतों में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कब्जे में केवल दो ग्राम पंचायत आयी है. अन्य दो में से एक पर भाजपा, एक पर सीपीआईएम और एक में त्रिशंकु की स्थिति है.
ब्लॉक की 91 ग्राम पंचायत सीटों में से 48 पर तृणमूल को जीत मिली है. वहीं, भाजपा ने शून्य से आरम्भ करते हुए इस बार दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं, तीसरे नबर पर सीपीआईएम और चौथे नंबर पर निर्दलीय हैं. ब्लॉक प्रशासन एवं ब्लॉक निर्वाचन विभाग के अनुसार नागराकाटा ब्लॉक के सात चाय बागानों से घिरी चंपागुड़ी ग्राम पंचायत की 25 सीटों में से 15 पर भाजपा को जीत मिली है. इस तरह से उसने इस ग्राम पंचायत को अपने दखल में कर लिया है.
जबकि तृणमूल को केवल 9 सीट से संतोष करना पड़ा है. दूसरी ओर आंगराभाषा एक नंबर ग्राम पंचायत की सात सीट जोकि पहले लाल दुर्ग था उसे भी तृणमूल अपने दखल में नहीं ले पायी. वहां की 7 में से 4 पर सीपीआईम जीत हासिल करते हुए बोर्ड गठन करने जा रही है. उल्लेखनीय है कि आंगराभाषा दो नंबर ग्राम पंचायत में पिछली बार 2013 में तृणमूल ने बोर्ड गठन किया था.
लेकिन वहां भी इस बार का दृश्य बदला बदला सा है. आंगराभाषा दो नंबर ग्राम पंचायत की 12 सीटों पर इस बार तृणमूल को 6, भाजपा को 5 और सीपीआईएम को एक सीट मिली है. सुलकापाड़ा ग्राम पंचायत की कुल 21 सीटों में से भाजपा को 6 और सीपीआईएम को सीटें मिली हैं. केवल लुकसान ग्राम पंचायत में तृणमूल को पूर्ण बहुमत मिला है. लुकसान ग्राम पंचायत की कुल 25 सीटों में से तृणमूल को 17, भाजपा को 5 और एक सीट निर्दलीय को मिली है.
तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष अमरनाथ झा ने कहा कि हमलोगों ने और ज्यादा बेहतर परिणाम की आशा की थी. दल इस मसले पर विचार विमर्श करेगा. नागराकाटा भाजपा एक नंबर मंडल कमेटी के सभापति मनोज भुजेल ने कहा कि मतदान के दिन इलाके में सुरक्षा की कमी के कारण लोगों में व्यापक संत्रास था. यदि लोगों को और ज्यादा सुरक्षा दी जाती तो वह और सीटें जीत सकती थी.

Next Article

Exit mobile version