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गर्मी बढ़ने के साथ ही बढ़ा डायरिया का प्रकोप
जलपाईगुड़ी : गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में डायरिया का प्रकोप बढ़ने लगा है. खासकर छोटे बच्चे बड़ी संख्या में इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. जिला अस्पताल के शिशु विभाग में डायरिया तथा वाइरल फिवर के रोगियों की भीड़ लगी रहती है. इस मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन भी चिंतित है. हालांकि […]
जलपाईगुड़ी : गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में डायरिया का प्रकोप बढ़ने लगा है. खासकर छोटे बच्चे बड़ी संख्या में इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. जिला अस्पताल के शिशु विभाग में डायरिया तथा वाइरल फिवर के रोगियों की भीड़ लगी रहती है. इस मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन भी चिंतित है. हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि डायरिया से इलाज के लिए सभी व्यवस्था अस्पताल में उपलब्ध है.
पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल जलपाईगुड़ी जिले में गर्मी देर से शुरू हुई है. पहले मई महीने के पहले सप्ताह में ही गर्मी शुरू हो जाती थी. इस साल 15 से 20 दिन बाद गर्मी की शुरूआत हुई है. खासकर पिछले दो दिनों में तापमान का पारा अचानक काफी बढ़ गया है. दिन में गर्मी और रात को थोड़ी ठंडक के कारण इस तरह की परेशानी हो रही है. इसी मौसम के कारण डायरिया तथा वाइरल फिवर ने अपना प्रकोप बढ़ाना शुरू कर दिया है. सोमवार को जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल के शिशु विभाग ओपीडी में हल्दीबाड़ी से मामती राय अपने बच्चे की चिकित्सा कराने आयी थी.
उन्होंने बताया कि बच्चा दो दिन से बीमार है. बुखार के साथ-साथ उल्टियां हो रही है. दो दिनों तक घर के निकट स्थित दवा दुकान से दवा लेकर बच्चे को खिलाया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. उसके बाद वह बच्चे को लेकर जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल चिकित्सा कराने आयी हैं. इसी तरह की बातें पांडापाड़ा से आयी प्रतिमा राय ने भी कही है. उन्होंने बताया कि उनका बेटा रविवार रात से ही बीमार है. बुखार के साथ-साथ उल्टी एवं दस्त होने से परेशानी बढ़ गई है. ओपीडी में जिले के और भी स्थानों से बच्चों को चिकित्सा कराने के लिए आयी महिलाओं की भीड़ लगी हुई है. अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बीएस पाल का कहना है कि अचानक गर्मी बढ़ने से डायरिया की बीमारी बढ़ी है. हर दिन 200 से 250 शिशु चिकित्सा के लिए यहां आ रहे हैं. उन्होंने अभिभावकों से छोटे शिशुओं को बाहरी खाना नहीं देने के लिए कहा.
इसके साथ ही उन्होंने घर में ही नमक, चीनी, पानी का घोल बनाकर नियमित रूप से बीमार शिशु को देने की बात कही. उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में आइसक्रीम तथा ठंडा पानी नन्हें बच्चों के लिए काफी खतरनाक है. इससे अभिभावकों को बचना चाहिए. उन्होंने अभिभावकों से जागरुक रहने की भी अपील की. डॉक्टर पाल ने आगे कहा कि बीमार बच्चों को जो-सो दवा नहीं देकर इलाज के लिए सीधा अस्पताल लाना चाहिए.
क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक
इधर, अस्पताल अधीक्षक गयाराम नस्कर का कहना है कि गर्मी बढ़ने की वजह से डायरियां की बीमारी बढ़ी है. शिशु रोग विभाग में इलाज कराने के लिए काफी बच्चे आ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि बच्चों की चिकित्सा में कोई परेशानी नहीं है. गंभीर रोगियों को अस्पताल में भर्ती भी किया जा रहा है.
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