गंगा कटाव रोकथाम की पहल शुरू, राज्य सरकार ने मंजूर किये 12 करोड़ रुपये

मालदा : जिले कालियाचक तीन नंबर ब्लॉक क्षेत्र गंगा से कटाव के कारण पीड़ित है. स्थानीय ग्रामीणों की संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने 12 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं. इस राशि से सिंचाई विभाग कटाव प्रतिरोध के भी उपाय करेगा. सरकार के इस फैसले का कालियाचक तीन नंबर ब्लॉक के लोगों ने स्वागत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2018 3:49 AM
मालदा : जिले कालियाचक तीन नंबर ब्लॉक क्षेत्र गंगा से कटाव के कारण पीड़ित है. स्थानीय ग्रामीणों की संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने 12 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं. इस राशि से सिंचाई विभाग कटाव प्रतिरोध के भी उपाय करेगा. सरकार के इस फैसले का कालियाचक तीन नंबर ब्लॉक के लोगों ने स्वागत किया है.
इन लोगों का कहना है कि फरक्का बैरेज प्राधिकरण इस इलाके में काफी दिनों से काम कर रहा है. लेकिन उन्होंने पारलालपुर से अनूपनगर तक एक किलोमीटर बांध की मरम्मत नहीं करवायी है. इस वजह से उन्हें हर साल कटाव का दंश झेलना पड़ता है. सोमवार को जिला परिषद के लोक निर्माण कार्याध्यक्ष दुर्गेश सरकार ने बताया कि कालियाचक तीन नंबर ब्लॉक अंतर्गत वैष्णवनगर विधानसभा केन्द्र भाजपा के पास है. केन्द्र में भी उन्हीं की सरकार है. लेकिन उन्होंने अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. इस बारे में हमलोगों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध किया था जिसके बाद यह राशि मंजूर हुई है.
दुर्गेश सरकार ने बताया कि ब्लॉक के पारलालपुर घाट के राधागोविंद मंदिर से शुरू कर पारअनूपनगर प्राथमिक विद्यालय तक करीब एक किलोमीटर इलाका कटाव की चपेट में है. राज्य सरकार द्वारा राशि आवंटित करने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इलाके का जायजा लिया था. वहीं तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मोआज्जेम होसेन ने बताया कि पारलालपुर, मंडलपाड़ा, सरकारपाड़ा, नियोगनगर, पारअनूपनगर जैसे कई गांवों के निवासियों ने फरक्का बैरेज प्राधिकरण के खिलाफ आवाज उठायी थी.
उन्होंने मुख्यमंत्री से भी इसकी शिकायत की. उसके बाद राज्य सरकार ने 12 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं. उधर, फरक्का बैरेज प्राधिकरण के अधिकारियों के एक वर्ग का कहना है कि गंगा के उस पार मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान शहर को बचाने के लिए वैष्णवनगर इलाके में केवल कुछ जगह बांध बनाने से संकट का निवारण नहीं हो सकता है. इससे नदी की दिशा बदल जाने से कटाव का संकट और गंभीर हो सकता है.

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