उद्घाटन के दो वर्ष बाद भी बालिका छात्रावास बंद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया था उद्घाटन

नागराकाटा : दो वर्ष पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उद्घाटन किया गया चेंगमारी टीई हाई स्कूल परिसर में निर्मित एसटी बालिका छात्रावास बंद पड़ा हुआ है. कुछ दिनों पहले ही बालिका छात्रावास के लिए सभी जरूरी समान खरीद लिये गए हैं. जिसमें फर्नीचर, बेड, पढ़ने का टेबल, रसोई के बर्तन, पेयजल के लिए एक्वागार्ड इत्यादि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2018 2:43 AM
नागराकाटा : दो वर्ष पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उद्घाटन किया गया चेंगमारी टीई हाई स्कूल परिसर में निर्मित एसटी बालिका छात्रावास बंद पड़ा हुआ है. कुछ दिनों पहले ही बालिका छात्रावास के लिए सभी जरूरी समान खरीद लिये गए हैं. जिसमें फर्नीचर, बेड, पढ़ने का टेबल, रसोई के बर्तन, पेयजल के लिए एक्वागार्ड इत्यादि सामानों को छात्रावास में रखा गया है. मंगलवार को पुन: जिला परिषद अभियंता संजीव दास की उपस्थिति में फ्रिज, व्हील चेयर आदि को लाया गया है.
इसे लेकर विद्यालय के प्रभारी शिक्षक कृष्ण कुमार झा ने बताया कि नागराकाटा ब्लॉक स्तर के कस्तूरबा गांघी एसटी बालिका आवास दो वर्ष पहले ही निर्मित हो चुका था. भवन निर्माण होने के दो वर्ष बाद अब आवास का संचालन शुरू होने जा रहा है. कैसे विलंब हुआ इसके बार उन्होंने कहा कि मालूम नहीं. आवासीय छात्रावास के लिए सभी जरूरी सामान मुहैया करा दिये गये हैं. उन्होने बताया कि देर से ही सही बालिका आवास चालू होने जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से यह अच्छा कदम है. इस स्कूल की स्थापना 1950 में हुयी थी.
उस समय जलपाइगुड़ी जिले का एक मात्र हिंदी उच्च विद्यालय था. चाय बागान क्षेत्र के गरीब विद्यार्थी यहां पढ़ने के लिए आते हैं. वर्तमान में यहां एसटी बालिका आवास का निर्माण हुआ है. जिससे छात्र एवं छात्राओें को भविष्य में अवश्य ही शिक्षा क्षेत्र में लाभ मिलने वाला है.
जलपाईगुड़ी जिला परिषद अभियंता संजीव दास ने कहा कि सरकार ने जिला परिषद को होस्टल में लगनेवाली सभी प्रकार के आवश्यक सामग्री के टेंडर की जिम्मेवारी दी थी.
उसी सरकारी निर्देश के अनुसार 11 लाख रुपये से होस्टल के सभी समान लाये गए हैं. इलाके के शिक्षाप्रेमी इस खबर से काफी खुश हैं. चेंगमारी टीई हाई स्कूल निर्माणकर्ता बुदु भगत के पोते उदय भगत ने इसकी सराहना की है. उन्होंने विद्यालय को और ज्यादा विकसित करने की मांग सरकार से की है.

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