अलग राज्य गठन से ही पहाड़ समस्या का समाधान : विष्णु

कालिम्पोंग : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर पहाड़ की समस्या के लिए त्रिपक्षीय बैठक करने का निर्देश दिया है. इसकी जानकारी देते हुए गुरुवार को कालिम्पोंग कृषक कल्याण संगठन के मूल सचिव विष्णु छेत्री ने कहा कि छोटे-छोटे राज्य गठन के पक्षधर भाजपा को गोर्खा द्वारा विश्वास कर दार्जिलिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2018 2:00 AM
कालिम्पोंग : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर पहाड़ की समस्या के लिए त्रिपक्षीय बैठक करने का निर्देश दिया है. इसकी जानकारी देते हुए गुरुवार को कालिम्पोंग कृषक कल्याण संगठन के मूल सचिव विष्णु छेत्री ने कहा कि छोटे-छोटे राज्य गठन के पक्षधर भाजपा को गोर्खा द्वारा विश्वास कर दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र से भारी मतों से दो बार सांसद बनाया.
जसवंत सिंह के समय में यूपीए के सत्ता में आने के बाद गोर्खालैंड गठन का मुद्दा शून्य हो गया था. परंतु 2014 गोजमुमो के समर्थन में एसएस आहलुवालिया की जीत के बाद भाजपा के केंद्र में आने के बाद आशा एवं विश्वास के साथ अलग राज्य गठन लेकर उम्मीद जगी. अलग राज्य गठन के साथ गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग को वापस लाना, नैतिक दायित्व है.
उन्होंने कहा कि 105 दिनों के आन्दोलन अवधि में 13 गोर्खा शहीद हुए. पहले के आन्दोलन में भी हजारो गोर्खा शहीद हुए. 3500 गोर्खा अभी तक लापता हैं. अब केन्द्र सरकार द्वारा गोर्खा के राष्ट्रीय पहचान के मुद्दा को गम्भीर रुप में संज्ञान में लाने का समय आ गया है. अलग राज्य के गठन से ही गोर्खा के राजनैतिक सुरक्षा संभव हो सकेगा. इस क्षेत्र की सुरक्षा एवं शान्ति बहाली के लिए राष्ट्रहित में अलग राज्य गठन होगा.
ऐसे में केन्द्र ने राज्य को पत्र लिखकर पहाड़ की समस्या पर त्रिपक्षीय वार्ता कराने का निर्देश से गोर्खालैंड पक्षधर लोगों में आशा की किरण जगी है. जीटीए के कार्यवाहक अध्यक्ष विनय तमांग ने राख के नीचे चिंगारी ख़त्म होने के बाद जो चुनाव सम्भव होने का बातें कही, उसका खंडन केकेएस के मूल सचिव विष्णु छेत्री ने किया है. दो चार लोगों को ठेका के प्रलोभन में चिंगारी बुजने का प्रश्न नहीं उठता.

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