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दार्जिलिंग : पट्टा मुद्दे पर गोजमुमो की पहल से विपक्ष हैरान

जनता के समक्ष पार्टी की छवि खराब कर रहे विपक्षी दल गोजमुमो महकमा समिति अघ्यक्ष ने लगाया विपक्षियों पर आरोप दार्जिलिंग : पहाड़ के विभिन्न क्षेत्रों में सदियों से निवास कर रहे लोगों को अपना घर व जमीन का पर्जा पट्टा नहीं है. अब गोजमुमो की पहल पर पर्जा पट्टा के लिए लोगों से आवेदन […]

जनता के समक्ष पार्टी की छवि खराब कर रहे विपक्षी दल
गोजमुमो महकमा समिति अघ्यक्ष ने लगाया विपक्षियों पर आरोप
दार्जिलिंग : पहाड़ के विभिन्न क्षेत्रों में सदियों से निवास कर रहे लोगों को अपना घर व जमीन का पर्जा पट्टा नहीं है. अब गोजमुमो की पहल पर पर्जा पट्टा के लिए लोगों से आवेदन लिया जा रहा है. जिससे पहाड़ के विपक्षी दल हैरान हैं. उक्त बातें पत्रकारों को संबोधित करते हुए महकमा समिति अध्यक्ष व केंद्रीय कोर कमेटी के सदस्य आलोक कांत मणि थुलुंग ने कही.
उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के खासकर चाय बागान में सदियों से निवास करते आ रहे लोगों को अपना घर और जमीन का पर्जा पट्टा नहीं है.
जिसके कारण वे लोग अपना घर व जमीन में रहते हुए भई शरणार्थी का जीवन जी रहे हैं. उन चाय श्रमिकों की अवस्था को देखकर गोजमुमो ने पर्जा पट्टा का मुद्दा उठाया है. लेकिन पहाड़ के विपक्षी साथियों ने इन सभी विषयों को नजर अंदाज करके सत्ता दल को जनता के आगे खराब दिखाने के लिये तरह-तरह का आरोप लगा रही है.
श्री थुलुंग ने कहा कि विपक्षी का काम सत्ता पक्ष का विरोध करना मात्र नहीं है, जनता के हित में सुझाव देना भी उनका कर्तव्य है. परंतु ऐसा नहीं हो रहा है. पहाड के विपक्षी साथियों ने सत्ता पक्ष के कार्यों का विरोध करना ही जिम्मेदारी समझते हैं. सत्ता पक्ष का अगर विरोध ही करना है तो कीजिये, परन्तु कम से कम स्वस्थ्य विरोध कीजिये. जिसका फायदा जनता को हो. उन्होंने कहा कि पर्जा पट्टा के बारे में अधिकारिक रूप से ऐसा कुछ भी नही हुआ है.
इसीलिये मोर्चा ने अपने पक्ष से पहाड़ के ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक पर्जा पट्टा को लेकर फॉर्म वितरण करके लोगो को जागरूक करने का कार्य कर रही है. विपक्षी साथियों को मोर्चा के कार्यों में खोट दिख रहा है. मोर्चा द्वारा वितरण किये जा रहे फॉर्म को विपक्षियों का अच्छी तरह से पढकर अध्यन करना जरूरी है. बिना पढ़े इस तरह का आरोप मोर्चा पर लगाना उचित नहीं है.
मोर्चा ने पांच डिसमिल जमीन के लिए पर्जा पट्टा के बारे में ऐसा कुछ भी नहीं कहा है. हमलोग अपने जमीन के साथ यहां आये हैं. हमारी पूर्वजों के पास जितनी जमीनें हैं, उन सभई जमीनों का पर्जा पट्टा हमलोगों को देना होगा. यदि घर जमीन से बेघर रह रहे लोगों को सरकार ने पांच डिसमिल जमीन का पर्जा पट्टा देना चाहती है तो उसमें कुछ कहना नहीं है.
उन्होंने कहा कि हमलोगों को राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये निजो घर-निजो भूमि के तहत जो पर्जा पट्टा मिल रहा है, उसके तहत परन्तू नीजो धर नीजो भूमि के बदले अन्य नाम देकर हम लोगो को पर्जा पट्टा देना होगा.

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