कूचबिहार: संरक्षण के इंतजार में एनबीएसटीसी की दो मंजिला बस
चेन्नई की कंपनी ने अपने संग्रहालय में रखने का दिया प्रस्ताव शहरवासियों ने संरक्षण पर दिया जोर, सोशल मीडिया पर मुहिम कूचबिहार : कूचबिहार के लिए किसी समय शान की सवारी रहा एनबीएसटीसी के दो मंजिले बस को संरक्षण के लिए चेन्नई के एक संग्रहालय में भेजने का प्रस्ताव रखा गया है. इसे लेकर शहरवासियों […]
चेन्नई की कंपनी ने अपने संग्रहालय में रखने का दिया प्रस्ताव
शहरवासियों ने संरक्षण पर दिया जोर, सोशल मीडिया पर मुहिम
कूचबिहार : कूचबिहार के लिए किसी समय शान की सवारी रहा एनबीएसटीसी के दो मंजिले बस को संरक्षण के लिए चेन्नई के एक संग्रहालय में भेजने का प्रस्ताव रखा गया है.
इसे लेकर शहरवासियों ने सोशल मीडिया पर घमासान शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है कि इसे कूचबिहार में ही संरक्षित किया जाना चाहिए. वहीं परिवहन निगम के कूचबिहार शाखा का कहना है कि विभाग आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. उसपर इस बस के संरक्षण का खर्च उठाना मुश्किल है.
मामले पर विचार-विमर्श के बाद कोई फैसला लिया जायेगा.
निगम सूत्रों से पता चला है कि एक गाड़ी निर्माणकारी कंपनी ने चेन्नई स्थित अपने संग्रहालय में संरक्षण के लिए प्रस्ताव दिया था. यह खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने जोरदार प्रतिक्रिया देना शुरू कर दी. मशहूर नाट्यकार दीपायन भट्टाचार्य ने कहा कि बस को फिर से चलाया जाये. अगर ऐसा संभव नहीं हो तो उसे कूचबिहार के ही किसी पार्क में संरक्षित किया जाना चाहिए.
इस बस के साथ कूचबिहार के लोग भावनात्मक रूप से जुड़े हुए है. इसलिए इसे कूचबिहार से बाहर जाने नहीं देना चाहिए. जिले के विशिष्ट नागरिक अनिर्वान चौधरी का कहना है कि इस बस को चलना संभव नहीं है. लेकिन इसके संरक्षण करने जैसा भवन भी निगम के पास नहीं है. यह भी सोचने वाली बात है.
एनबीएसटीसी सूत्रों से पता चला है कि किसी समय निगम से पांच दो मंजिला बस चलाया जाता था. एक के बाद एक चार बसें नष्ट हो गयी. उन चारों बसों के पूर्जों को भी बेचा जा चुका है. वर्तमान में सिर्फ एक ही दो मंजीला बस बचा हुआ है. इसी बस को एक गाड़ी निर्माण कंपनी ने चेन्नई स्थित अपने संग्रहालय में संरक्षित रखने के लिए निगम को प्रस्ताव भेजा है. एनबीएसटीसी के चेयरमैन मिहिर गोस्वामी ने बताया कि गाड़ी निर्माण कंपनी ने सिर्फ प्रस्ताव भेजा है.
अधिकारियों का कहना है कि एनबीएसटीसी के साथ जुड़े लोगों की भावनाओं का निगम सम्मान करता है. लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाकर कोई भी फैसला नहीं लिया जायेगा. निगम के पास बस के संरक्षण के लिए ढांचागत सुविधा नहीं है. इसके बिना धूप बारिश से बस का ढांचा खराब हो जायेगा. इसपर अभी सोच विचार होना बाकी है.