ब्रिटेन से आकर असहायों को दिया भोजन
कालिम्पोंग : कालिम्पोंग में 19 वर्षीया यूडेन तमांग ने ब्रिटेन से आकर रविवार को असहाय लोगों को अपने हाथों से खाना खिलायी. यूडेन को सामाजिक कार्यों की प्रेरणा मां से मिली है. कालिम्पोंग शहर के विभिन्न इलाकों में रहने वाले असहाय लोगों को अपने हाथों से खाना खिलाकर यूडेन काफी भावुक दिखीं. यूडेन ने बताया […]
कालिम्पोंग : कालिम्पोंग में 19 वर्षीया यूडेन तमांग ने ब्रिटेन से आकर रविवार को असहाय लोगों को अपने हाथों से खाना खिलायी. यूडेन को सामाजिक कार्यों की प्रेरणा मां से मिली है. कालिम्पोंग शहर के विभिन्न इलाकों में रहने वाले असहाय लोगों को अपने हाथों से खाना खिलाकर यूडेन काफी भावुक दिखीं.
यूडेन ने बताया कि संसार में ऐसे गली में रहकर जीवन बिताने वाले लोगो को देखने से मन व्यथित हो जाता है. खाना वितरण करने के बाद यूडेन ने कहा कि ना तो इनके पास घर है और न ही खाना. इसलिए हम उनके लिए कुछ कोशिश कर रहे हैं. यूडेन माँ अंजू योंजन कालिम्पोंग की सामाजिक संस्था मणि ट्रस्ट के माध्मय से असहाय लोगों का सहयोग करते आ रही हैं. ब्रिटेन से अंजू योंजन ने आर्थिक मदद के रूप में सहयोग करने के बाद कार्य से प्रभावित होकर उनकी बेटी यूडेन ने भी हाथों से शहर के असहायों के बीच खाना का वितरण किया.
उन्होंने कहा कि कहीं भी रहकर जो सहयोग कर रहे हैं, वो हमारे लिए सौभाग्य है. यूडेन ने आगे कहा की संसार में ऐसे अनेक असहाय हैं, जिसका परवाह करने वाला कोई नहीं हैं. मणि ट्रस्ट उन्हें कई वर्षों से खाना देकर सराहनीय कार्य कर रहा है. यूडेन तमांग ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्प्टन के बायोमेडिकल साइंस की छात्रा है. मूल रूप से नेपाल निवासी यूडेन तमांग अपने परिवार के साथ दो साल की उम्र से यूके में है. वहां की नागरिकता यूडेन को हासिल है. उनके साथ आई बड़ी मां शीला प्रधान ने कहा कि अनेक सालों से पूरा परिवार मणि ट्रस्ट से जुड़ा है. उन्होंने असहाय के लिए एक अलग आश्रम बनाने के लिए सभी को आगे आने की अपील भी की. खाना वितरण कार्यक्रम में मणि ट्रस्ट के प्रोजेक्ट अफसर पसांग तमांग, शिशिर शर्मा, सेलिना थापा आदि उपस्तिथ थे.