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डॉक्टर को हटाने की मांग पर प्रबंधन कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन, आश्वासन मिलने के बाद शांत हुए प्रदर्शनकारी
नागराकाटा : सर्पदंश से महिला चाय श्रमिक की मृत्यु को बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने बागान से तुरंत चिकित्सक को हटाने की मांग करते हुए प्रबंधन कार्यालय के समक्ष गुरुवार को विरोध-प्रदर्शन किया. घटना नागराकाटा ब्लॉक स्थित नुकसान चाय बागान इलाके की है. चाय श्रमिकों के विरोध-प्रदर्शन के चलते बागान का कामकाज ठप हो गया. […]
नागराकाटा : सर्पदंश से महिला चाय श्रमिक की मृत्यु को बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने बागान से तुरंत चिकित्सक को हटाने की मांग करते हुए प्रबंधन कार्यालय के समक्ष गुरुवार को विरोध-प्रदर्शन किया. घटना नागराकाटा ब्लॉक स्थित नुकसान चाय बागान इलाके की है. चाय श्रमिकों के विरोध-प्रदर्शन के चलते बागान का कामकाज ठप हो गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्रमिकों का विरोध प्रदर्शन सुबह सात बजे से लेकर 10.30 तक जारी था. बाद में चाय प्रबंधन की ओर से चिकित्सक को हटाने का आश्वासन मिलने के बाद विक्षोप प्रर्दशन समाप्त किया गया. सर्पदंश के बाद मृत महिला चाय श्रमिक का नाम पुष्पा पोर्जा महली (38) है. जो चाय बागान के कानी लाईन की निवासी थी. महिला का पति चाय बागान में अस्थाई श्रमिक के रुप में कार्यरत है. महिला को एक 10 साल की बेटी भी है, जो कक्षा 5 में पढ़ती है. जिसका नाम सुष्मिता महली है. सुष्मिता दिव्यांग है, उसका एक आंख खराब होने के कारण काफी परेशानी होती है.
पुष्पा की देखभाल उसकी मां ही करती थी. पुष्पा के जाने के बाद सुष्मिता अकेली पड़ गयी है. महिला की सास पुकली महली और भांजा दीपक महली ने बताया बुधवार की शाम को चार बजे पुष्पा पोर्जा महली रसोई घर में काम कर रही थी. काम के दौरान ही रसोई में रखा लकड़ी को हटाते समय अचानक एक सांप ने डंस लिया. सांप डसने के तुरंत बाद परिवारवाले पुष्पा को चाय बागान अस्पताल ले गये.
परंतु परिजनों का आरोप है कि चाय बागान के डाक्टर ने महिला का उपचार किए बिना ही दो घंटे तक अस्पताल में रखा. उसके बाद महिला को सुलकापाड़ा अस्पताल रेफर कर दिया. महिला की नाजूक हालत देखते हुए सुलकापाडा से माल सुपरस्पेशलिटी अस्पताल रेफर कर दिया गया. माल बजार ले जाते समय रास्ते पर ही महिला ने दम तोड़ दिया.
समय पर इलाज हुआ होता तो बच जाती महिला की जान
भारतीय टी वर्कस यूनियन लुकसान चाय बागन के यूनिट सचिव चुन्नीलाल मुंडा औैर चाय बागान मजदूर यूनियन के नेता किंगकांग सुब्बा और दिलाराज सुब्बा ने कहा कि चाय बागान के डाक्टर कई बार इस तरह की घटना कर चुके हैं. चाय बागान में जो मरीज आते हैं, उन्हें उचित उपचार नहीं मिल पाता है. चाय बागान की यह गरीब महिला उपचार के अभाव में ही मरी है. अगर डाक्टर ठीक समय पर उपचार करते तो ऐसी स्थिति नहीं होती. इसलिए चिकित्सकों को जल्द से जल्द चाय बागान से हटाने की मांग चाय मजदूर यूनियन ने किया है. चिकित्सक प्रणव भौमिक को हटाने की मांग करते हुए घंटों तक श्रमिकों ने विक्षोप प्रर्दशन किया. चाय बागान प्रबंधन ने चिकित्सक को तीन महीने के अंदर हटाने का लिखित आश्वासन देने की बाद विक्षोप-प्रर्दशन हटा दिया गया था.
दोषी पाये जाने पर होगी कार्रवाई
चाय प्रबंधन अपोलो सरकार ने कहा कि चाय बागान की एक महिला श्रमिक की मृत्यु हो गयी है. यह दुखद घटना है. जो आरोप हमारे चिकित्सक के ऊपर लगा रहे हैं. हम इसका छानबीन करेगें. यदि इसमें कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके ऊपर तत्काल कारवाई किया जाएगा.
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