प्रदेश कमेटी में सिर्फ एक नेता को मिला स्थान

सिलीगुड़ी : कांग्रेस समर्थित श्रमिक संगठन आइएनटीयूसी की राज्य कमेटी में उत्तर बंगाल के नेताओं को स्थान न मिलने से रोष है. राज्य कमेटी में उत्तर बंगाल के आइएनटीयूसी नेताओं को शामिल करने की मांग को लेकर केंद्रीय संगठन को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया है. साथ ही अगले महीने राजस्थान में होने वाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2018 1:40 AM
सिलीगुड़ी : कांग्रेस समर्थित श्रमिक संगठन आइएनटीयूसी की राज्य कमेटी में उत्तर बंगाल के नेताओं को स्थान न मिलने से रोष है. राज्य कमेटी में उत्तर बंगाल के आइएनटीयूसी नेताओं को शामिल करने की मांग को लेकर केंद्रीय संगठन को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया है. साथ ही अगले महीने राजस्थान में होने वाले राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाने की बात आइएनटीयूसी के राज्य महासचिव आलोक चक्रवर्ती ने कही. न्यूनतम मजदूरी व उत्तर बंगाल चाय बागान श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर सितंबर महीने में श्रमिक समावेश आयोजित किया गया है.
यहां उल्लेखनीय है कि बीते अप्रैल महीने में आइएनटीयूसी की राज्य कमेटी गठित की गयी है. नव गठित इस राज्य कमेटी में उत्तर बंगाल से मात्र एक आइएनटीयूसी नेता आलोक चक्रवर्ती को महासचिव का पदभार सौंपा गया है. पूरी कमिटी में कोलकाता व दक्षिण बंगाल के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इस बात को लेकर उत्तर बंगाल के आइएनटीयूसी नेताओं में रोष का माहौल है.
राज्य कमेटी में उत्तर बंगाल के और भी 10 नेताओं को शामिल करने की मांग आइएनटीयूसी राज्य कमिटी के महासचिव आलोक चक्रवर्ती सहित उत्तर बंगाल के अन्य नेताओं ने की है. गुरूवार को दार्जिलिंग जिला आइएनटीयूसी कार्यालय श्रमिक भवन में एक बैठक हुयी. इस बैठक में उत्तर बंगाल के सात जिलों के आइएनटीयूसी प्रतिनिधि उपस्थित थे. इस बैठक में मालदा से काजी नजरूल इस्लाम, दक्षिण दिनाजपुर से मृणमय गुहा, उत्तर दिनाजपुर के श्यामल घोष, कूचबिहार के रबिन राय, अलीपुरद्वार के विवेक बोस, जलपाईगुड़ी से सौमेन दास व केंद्रीय कमिटी के नेता साधन बोस, मानिक शील व आइएनटीयूसी के राज्य सचिव तथा उत्तर बंगाल के पर्यवेक्षक विद्युत पोद्दार उपस्थित थे.
बैठक के बाद आलोक चक्रवर्ती ने बताया कि उत्तर बंगाल में चाय बागान, परिवहन व इंजीनियरिंग सहित आइएनटीयूसी की कई शाखाएं है. इसीलिए राज्य कमिटी में उत्तर बंगाल के और भी दस नेताओं को शामिल करने की मांग उठी है. इस मांग को लेकर केंद्रीय स्तर पर पत्र भेजा जायेगा. साथ ही 27 व 28 जुलाई को राजस्थान के उदयपुर में आयोजित आइएनटीयूसी की कार्यकारी समिति की सभा में भी इस मांग को रखा जायेगा. केंद्रीय कमिटी की अंतिम निर्णय ही सर्वमान्य होगी.
इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि आईएनटीयूसी पश्चिम बंगाल की सबसे बड़ी श्रमिक संगठन है. बंगाल में 14 लाख 33 हजार सदस्य हैं. जबकि पूरे देश में 3 करोड़ 33 लाख आईएनटीयूसी के सदस्य हैं. इतनी बड़ी संगठन होने के बाद केंद्र की भाजपा सरकार राजनीतिक कारणों से हमे तवज्जो नहीं देती है.
राज्य सरकार का भी हाल एक जैसा ही है. पश्चिम बंगाल के चाय श्रमिकों की काफी पुरानी न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर अभी तक केंद्र व राज्य सरकार ने कोई पहल नहीं की है. इसके अलावे भी चाय श्रमिकों की अन्य मांगो को लेकर सितंबर महीने से 9 और 10 तारीख को श्रमिक समावेश करने की योजना बनाई गयी है. इस समावेश में आइएनटीयूसी के केंद्रीय नेता भी उपस्थित रहेंगे.

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