बेसिल के समक्ष हंगामा, सड़क जाम

आसनसोल : चिट फंड कंपनी बेसिल इंटरनेशनल लिमिटेड में निवेश करने वाले दर्जनों निवेशकों व कंपनी एजेंटों ने रविवार को विवेकानंद सरणी (सेनरेले रोड) में स्थित बेसिल कार्यालय बंद पाकर बेसिल इन (होटल) कार्यालय में जमकर हंगामा किया. कोई कार्रवाई न होती देख उन्होंने मुख्य सड़क को जाम कर दिया. एक घंटे के बाद आसनसोल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2014 7:09 AM

आसनसोल : चिट फंड कंपनी बेसिल इंटरनेशनल लिमिटेड में निवेश करने वाले दर्जनों निवेशकों व कंपनी एजेंटों ने रविवार को विवेकानंद सरणी (सेनरेले रोड) में स्थित बेसिल कार्यालय बंद पाकर बेसिल इन (होटल) कार्यालय में जमकर हंगामा किया. कोई कार्रवाई न होती देख उन्होंने मुख्य सड़क को जाम कर दिया. एक घंटे के बाद आसनसोल दक्षिण थाना पुलिस अधिकारियों ने एजेंट व निवेशकों को समझा कर सड़क जाम हटाया. पुलिस ने कंपनी के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी.

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुमन कुमार चक्रवर्ती, सुशांत चटर्जी, तरुण साहा, संतोष चटर्जी आदि ने बताया कि बीते दो वर्ष पूर्व अधिकांश चिटफंड कंपनी बंद होने के बाद भी उन्होंने बेसिल प्रबंधन से अपनी-अपनी निवेश की राशि की वापसी की मांग की. प्रबंधन लगातार झूठा आश्वासन देता रहा. बार-बार निवेशक व एजेंट कार्यालय पहुंचते रहे, लेकिन निवेश राशि वापसी की कोई तिथि नहीं मिली. निवेशक अपनी राशि वापसी की मांग करते हुए घरों पर हंगामा करने लगे हैं.

रोजाना किसी न किसी तरह से निवेशक उन्हें धमकी देने लगे. परिवार के अन्य सदस्यों को भी इस कारण से परेशानियां उठानी पड़ी. एजेंट और निवेशक थाने पहुंचे तो वहां भी कोई बात सुनने को तैयार नहीं. इसी कारण से उन्होंने थाना का रूख करना भी छोड़ दिया. आसनसोल स्थित बेसिल कार्यालय में हजारों निवेशकों की करोड़ों में राशि जमा हैं. लेकिन निवेश की गयी राशि वापसी की कोई उम्मीद नहीं दिखती, जिस कारण मजबूरी में ार्यालय पहुंच हंगामा करना पड़ा.

रविवार सुबह सेनरेले स्थित बेसिल कार्यालय में पहुंचे एजेंट व निवेशकों ने कार्यालय बंद देख बेसिल इन (होटल) कार्यालय में हंगामा किया और बात नहीं बनती देख सड़क जाम कर दिया. पुलिस ने कहा कि सभी निवेशकों से अनुरोध है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के संबंधित थानों में शिकायत दर्ज कराये. ताकि पुलिस कार्रवाई कर सके. लेकिन इस तरह से सड़क जाम कर प्रदर्शन करना सही नहीं. इससे सैकड़ों राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं.

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