एसजेडीए ने शुरू किया ‘मिशन सिलीगुड़ी’
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) ने मिशन सिलीगुड़ी की शुरुआत कर दी है. सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में विकास कार्य करने के लिए रविवार को पीडब्ल्यूडी के इंस्पेक्शन बंग्लो में नगर निगम के तृणमूल पार्षदों के साथ एक बैठक की गयी. इस बैठक में जिला पर्यवेक्षक व राज्य के युवा कल्याण व खेल […]
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) ने मिशन सिलीगुड़ी की शुरुआत कर दी है. सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में विकास कार्य करने के लिए रविवार को पीडब्ल्यूडी के इंस्पेक्शन बंग्लो में नगर निगम के तृणमूल पार्षदों के साथ एक बैठक की गयी.
इस बैठक में जिला पर्यवेक्षक व राज्य के युवा कल्याण व खेल मंत्री अरूप विश्वास भी उपस्थित होने वाले थे, लेकिन वह नहीं आये.
बैठक के निर्धारित समय पर राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव व तृणमूल पार्षद पीडब्ल्यूडी इंस्पेक्शन बंग्लो पहुंच चुके थे. जबकि पूरे 45 मिनट इंतजार कराने के बाद एसजेडीए के चेयरमैन सौरभ चक्रवर्ती पहुंचे. इसके बाद बैठक शुरू हुई. तृणमूल आज पूरे राज्य में अपना झंडा गाड़ चुकी है, लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम, सिलीगुड़ी महकमा समेत दार्जिलिंग जिला इलाका उसके आगोश से बाहर है.
अब सिलीगुड़ी को कब्जे में करने के लिए तृणमूल ने एक नया दांव खेला है. जहां एक ओर सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य आर्थिक असहयोगिता का रोना रो रहे हैं, वहीं अब एसजेडीए तृणमूल पार्षदों के वार्ड को ध्यान में रखकर ‘मिशन सिलीगुड़ी’ पर उतारू हुई है.
तृणमूल पार्षदों का निगम की माकपा बोर्ड पर विकास में राजनीतिक रंग देखने का आरोप रहा है.
विरोधी दल नेता रंजन सरकार व अन्य पार्षदों ने कई बार माकपा पार्षदों के वार्डों की अपेक्षा तृणमूल पार्षद के वार्डों में विकास कार्य ना के बराबर होने का आरोप लगाया है. बीते वर्ष डेंगू का प्रकोप बढ़ने के दौरान निगम पर निष्क्रियता का आरोप लगाकर एसजेडीए ने ब्लींचिग का छिड़काव, फॉगिग व सफाई आदि का कार्य करवाया था. जिस पर मेयर का आरोप था कि निगम के खाते का आर्थिक आवंटन गैर कानूनी रूप से एसजेडीए को सौंप कर सरकार ने यह कार्य करवाया है.
वार्ड में विकास कार्य के लिए तृणमूल पार्षदों ने एसजेडीए से गुहार लगायी. इसके बाद एसजेडीए ने मिशन सिलीगुड़ी शुरू किया है, लेकिन एसजेडीए सिर्फ तृणमूल पार्षदों के अधीन वार्डों में कार्य की योजना बना रही है. बैठक के बाद एसजेडीए के चेयरमैन सौरभ चक्रवर्ती ने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम व महकमा परिषद नागरिक परिसेवा तक मुहैया कराने में विफल साबित हुआ है. हल्की बारिश में भी निगम के अधिकांश इलाकों में जल जमाव की समस्या देखने को मिलती है.
डेंगू जैसे रोगों की रोकथाम में सिलीगुड़ी नगर निगम पूरी तरह से फेल रहा है. इसलिए अब एसजेडीए ने सिलीगुड़ी नगर निगम व महकमा परिषद इलाके में विकास कार्यों की रूप-रेखा तैयार किया है. पिछले कई दिनों से वे स्वंय निगम के कई इलाकों का परिदर्शन कर स्थिति का जाएजा लिया है. निगम के तृणमूल पार्षदों ने भी कई कार्यों का प्रस्ताव उन्हें दिया है. फूलेश्वरी-जोरापानी नदी की सफाई व स्वैरेज सिस्टम आदि की परियोजना एसजेडीए ने बनायी है. इसके अतिरिक्त निगम के कई वार्डों में सड़क, ड्रेन व अन्य कार्य भी जारी है. चौथे व पांचवे
महानंदा सेतू का कार्य भी एसजेडीए ही कर रही है.
पार्टी पार्षदों के साथ सौरभ चक्रवर्ती व गौतम देव ने की बैठक
अगली बैठक 3 जुलाई को एक बार फिर से बैठक कर एसजेडीए अपनी योजना पर आगे बढ़ेगी. रविवार को बैठक में एसजेडीए के चेयरमैन सौरभ चक्रवर्ती, कार्यकारी अधिकारी एस. पूर्णाबल्लम, राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव, जिला तृणमूल महासचिव संजय पाठक, जिला तृणमूल के वरिष्ठ नेता वेदव्रत दत्त, सिलीगुड़ी नगर निगम के विरोधी दल नेता रंजन सरकार, कृष्णचंद्र पाल, रंजन शील शर्मा, नांटू पाल, मंजूश्री पाल, दुर्गा सिंह, प्रदीप गोयल व अन्य तृणमूल पार्षद उपस्थित थे.
अदालत जा सकते हैं अशोक भट्टाचार्य
इधर सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि निगम इलाके में कार्य करने के लिए एसजेडीए को निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा, अन्यथा नगर निगम एक्ट का उल्लंघन होगा. इसे लेक वह अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं. श्री भट्टाचार्य ने एसजेडीए के चेयरमैन सह अलीपुरद्वार के विधायक सौरभ चक्रवर्ती को अपना घर बचाने की सलाह दी है. इस संबंध में सौरभ चक्रवर्ती ने कहा कि सिलीगुड़ी एसजेडीए के कार्यक्षेत्र का हिस्सा है.
सिलीगुड़ी में विकास कार्य करने में उन्हें कोई बाधा नहीं है. राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कहा निगम का करीब 70 प्रतिशत सड़कों की देखरेख एसजेडीए करती है, जबकि टैक्स निगम वसूलती है. मेयर सिर्फ राज्य सरकार से धन मांगते हैं, सरकार जब कार्य करने को तैयार है तो निगम को किस बात की आपत्ति है. माकपा सरकार की गतिविधियों की वजह से रेलवे टी पार्क की जमीन वापस मांग रही थी.
जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशन में एसजेडीए ने न्यू जलपाईगुड़ी इलाके में बने टी पार्क में 2000 करोड़ के निवेश की संभावना है. यहां रोजगार के काफी अवसर भी मिलेगें. टी पार्क के भीतर मालगाड़ी को ले जाने के लिए पटरी तक बिछायी जा चुकी है. एसजेडीए विधान नगर के पाइनएपल सेंटर को भारत का सबसे बड़ा फूड पार्क बनाने की दिशा में अग्रसर हो रहा है.