भुजेल समुदाय के लोगों ने मुख्यमंत्री का किया स्वागत

सिलीगुड़ी : पहाड़ तथा तराई क्षेत्र के भुजेल जाति के लोगों ने अपने लिए विकास बोर्ड बनाने की मांग मुख्यमंत्री से की है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पांच दिवसीय उत्तर बंगाल दौरे पर सोमवार को सिलीगुड़ी पहुंची. इससे पहले जब वह बागडोगरा एयरपोर्ट पर पहुंची तो वहां काफी संख्या में भुजेल जाति के लोग अपनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2018 1:24 AM
सिलीगुड़ी : पहाड़ तथा तराई क्षेत्र के भुजेल जाति के लोगों ने अपने लिए विकास बोर्ड बनाने की मांग मुख्यमंत्री से की है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पांच दिवसीय उत्तर बंगाल दौरे पर सोमवार को सिलीगुड़ी पहुंची. इससे पहले जब वह बागडोगरा एयरपोर्ट पर पहुंची तो वहां काफी संख्या में भुजेल जाति के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा में उनकी स्वागत के लिए खड़े थे. हालांकि इन लोगों ने अलग से कोई संगठन नहीं बनाया है और ना ही कोई इनका नेता है.
भुजेल जाति के आम लोग बैनर पोस्टर लेकर मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए बागडोगरा हवाई अड्डे पर पहुंचे थे. कोलकाता से मुख्यमंत्री बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंची. एयरपोर्ट से जैसे ही वह बाहर निकली वहां पोस्टर लिए भुजेल जाति के लोगों पर उनकी नजर पड़ गई. मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर बागडोगरा एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इसी सुरक्षा इंतजामों के बीच भुजेल जाति के लोग भी मुख्यमंत्री के आगमन का इंतजार कर रहे थे. मुख्यमंत्री की नजर जैसे ही इन पर पड़ी वह उनकी ओर बढ़ गई.
उन्होंने भुजेल जाति के लोगों से बातचीत भी की. इस जाति के लोगों ने अपने लिए पहाड़ पर अलग से विकास बोर्ड बनाने की मांग मुख्यमंत्री से की. इन लोगों से बातचीत करने के बाद मुख्यमंत्री कड़ी सुरक्षा के बीच सिलीगुड़ी के निकट उत्तरकन्या रवाना हो गई. बाद में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए भुजेल जाति के लोगों ने कहा कि वह लोग मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए यहां आए हुए थे. पहाड़ पर विभिन्न जातियों के लिए विकास एवं सांस्कृतिक बोर्ड का गठन हो रहा है.
उनकी जाति के लोग भी विकास के मामले में काफी पिछड़े हुए हैं. अलग विकास एवं सांस्कृतिक बोर्ड बनाने की अपील उन लोगों ने मुख्यमंत्री से की है. यहां उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में विभिन्न जातियों के नाम पर करीब एक दर्जन से भी अधिक विकास बोर्ड का गठन किया है. इन्हीं विकास बोर्डों की मदद से संबंधित जाति के लोगों को घर बनाने आदि में मदद की जा रही है. इसके अलावा उस जाति के सांस्कृतिक धरोहरों को संजोने का काम भी विकास बोर्ड के माध्यम से हो रहा है.

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