सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के अनिश्चित भविष्य के बीच कमिश्नर सोनम वांग्दी भुटिया ने करीब 10 दिन बाद एक बार फिर से अपना पदभार संभल लिया है. इसकी वजह से नगर निगम की सामन्य नागरिक सेवाएं सामान्य होने की उम्मीद जाहिर की जा रही है.
श्री भुटिया नगर निगम की मेयर गंगोत्री दत्ता के इस्तीफे के बाद से ही गायब थे. वह पहले कोलकाता गए और बाद में किसी सेमिनार में भाग लेने के लिए उनके विदेश जाने की भी खबर थी. इस बीच सिलीगुड़ी नगर निगम एक तरह से अभिभावकहीन हो गया था और यहां की नागरिक सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गयी थी. हांलाकि अभी भी स्थिति ऐसी ही बनी हुयी है.कचड़े की सफाइ से लेकर पानी का कनेक्शन तक का काम लगभग बंद है. नगर निगम में कहने को सिर्फ जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र देने का ही काम हो रहा है. मकान के लिए नक्शा पास कराने,ट्रेड लाइसेंस बनान या फिर इसके नवीनीकरण करने आदि का काम पूरी तरह से रूक गया है. इस बात की सूचना कमिश्नर श्री वांग्दी को भी है. उन्होंने आने के साथ ही नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने विभिन्न मदों में बकाया भुगतान की जानकारी अधिकारियों से ली.
समझा जाता है कि वह कचड़ा ढोने वाले वाहन मालिकों से भी बातचीत करेंगे.क्योंकि वाहन मालिकों को पिछल्ले 9 महीने से एक रूपये का भी भुगतान नहीं हुआ है.कई इलाकों में वाहन मालिकों ने कचड़े की ढ़ुलायी बंद कर दी है.इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न नागरिक सेवाएं सामान्य रखने के भी निर्देश दिए.
इस बीच सिलीगुड़ी नगर निगम के भविष्य को लेकर अभी भी कोई फैसला नहीं हुआ है. नगर निगम के अधिकारी इस संबंध में राज्य सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं. सूत्रों ने इस संबंध में आगे बताया कि नगर निगम के कमिश्नर सोनम वांगदी भुटिया को अभी भी राज्य सरकार के निर्देश का इंतजार है.जबतक राज्य सरकार से कोई निर्देश नहीं मिलता तबतक यहां की स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी. सूत्रों ने आगे बताया कि नए बोर्ड के गठन की संभावना लगभग नहीं के बराबर है. क्योंकि कांग्रेस द्वारा बोर्ड भंग किए जाने के बाद ना तो तृणमूल कांग्रेस ने और ना ही वाममोरचा ने नए बोर्ड के गठन का दावा किया है.वाममोरचा पूरी तरह से नए चुनाव के पक्ष में है.यद्यपि तृणमूल कांग्रेस ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है.
हांलाकि तृणमूल भी नए बोर्ड के गठन के पक्ष में नहीं के बराबर ही है. इसके अलावा नए मेयर के नियुक्ति की भी पहल नहीं की गयी है. नियमानुसार अगर नगर निगम में बोर्ड का गठन नहीं होता है तो कोई भी काउंसिलर मेयर पद का चुनाव लड़ सकता है.सभी दलों के काउंसिलर मतदान कर नए मेयर का चुनाव कर सकते है. लेकिन फिलहाल इस प्रकार के चुनाव की भी उम्मीद नहीं है. राजनैतिक विेषकों के अनुसार पिछले महीने की 20 तारीख को मेयर ने इस्तीफा दिया है और मेयर के इस्तीफे के एक महीने के अंदर राज्य सरकार को कोई ना कोई निर्णय ले लेना होगा. अब राज्य सरकार के पास भी 12 दिन का ही समय बचा है. ऐसे में अगले कुछ दिनों के अंदर सिलीगुड़ी नगर निगम के भविष्य का फैसला हो जाने की उम्मीद है.