सिलीगुड़ी में आसमान से गिरा ड्रोन, अब जागा प्रशासन

सिलीगुड़ी : आसमान से अचानक ड्रोन गिरने के मामले ने प्रशासन को नींद से जगाया है. खुले बाजार व ऑनलाइन शॉपिंग पर आसानी से उपलब्ध ड्रोन के उपयोग से नागरिकों को सजग करने के लिए दार्जिलिंग जिला पुलिस ने जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही नगर निगम, नगरपालिका व स्थानीय प्रशासन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2018 3:52 AM
सिलीगुड़ी : आसमान से अचानक ड्रोन गिरने के मामले ने प्रशासन को नींद से जगाया है. खुले बाजार व ऑनलाइन शॉपिंग पर आसानी से उपलब्ध ड्रोन के उपयोग से नागरिकों को सजग करने के लिए दार्जिलिंग जिला पुलिस ने जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही नगर निगम, नगरपालिका व स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में जागरूक होने व नागरिकों को जागरूक करने के लिए कदम बढ़ाने की सलाह दी है.
यहां बता दें कि बीते सोमवार की देर शाम सिलीगुड़ी से सटे फांसीदेवा थाना इलाके में आसमान से एक ड्रोन गिरा. ड्रोन के गिरने से इलाके में हलचल मच गयी. उस दौरान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सिलीगुड़ी स्थित मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में जलपाईगुड़ी जिला प्रशासनिक बैठक कर रही थी. ड्रोन गिरने की जानकारी मिलते ही पुलिस व खुफिया विभाग के खान भी खड़े हो गये. ड्रोन बरामद करने के साथ ही उसे उड़ाने वाले की खोज शुरू की गयी.
मंगलवार को रांगापानी इलाके के दो भाइयों को गिरफ्तार किया गया. उन्हें बुधवार सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया. अदालत ने दोनों की जमानत याचिका मंजूर कर ली है. पूछताछ में दोनों भाइयों ने बयान दिया कि ड्रोन उड़ाने के पीछे उनकी कोई साजिश या गलत इरादा नहीं था. बल्कि ऑनलाइन शॉपिंग से 20 हजार में यह ड्रोन खरीदा.
सोमवार की शाम षष्ठी पाल उसे उड़ा रहा था. उसी समय ड्रोन रिमोट कंट्रोल की राडार से बाहर हो गया और दूर बस्ती इलाके में जा गिरा. खुफिया विभाग व पुलिस ने भी अपनी जांच में इन दोनों भाइयों के खिलाफ संदिग्ध नहीं मिला. इसी आधार पर अदालत ने दोनों की जमानत मंजूर की.
क्या है ड्रोन उड़ाने का नियम: ड्रोन के इस मामले ने नागरिक व देश की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े किये हैं. जिसका पुलिस प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है. प्रशासन के अनुसार शहरी इलाकों में जमीन से 200 मीटर उपर तक ड्रोन उड़ाने के लिए नगर निगम व नगरपालिका की अनुमति अनिवार्य है. इस पर निगरानी रखना भी उनकी जिम्मेदारी है. जबकि इस मामले से यह साफ हो गया है कि खुले बाजार व ऑनलाइन शॉपिंग पर आसानी से उपलब्ध है. हाइटेक दौर में विवाह, व विशेष आयोजन में ड्रोन के जरिए फोटो व वीडियोग्राफी भी किया जा रहा है.
ड्रोन उड़ाने के लिए कानूनी नियमों की धज्जियां उड़ाना तो आम बात है. वहीं दूसरी तरफ अधिकांश लोगों इसकी जानकारी भी नहीं है. जबकि ड्रोन सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण इलेक्ट्रानिक गैजेट है. प्रशासन की लापरवाही का फायदा उठाकर ड्रोन के सहारे ब्रिज, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड व इलाका सहित सीमांत की तस्वीर आसानी से ली सकती है.
क्या कहना है पुलिस का: इस संबंध में दार्जिलिंग जिला पुलिस के डीएसपी प्रवीर मंडल ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से ड्रोन कैमरा काफी महत्वपूर्ण है. इसी वजह से इसके प्रयोग के लिए पुलिस व सिविल एविएशन की अनिवार्यता का प्रावधान है. नियमों की अनदेखी कर ड्रोन उड़ाने पर भारतीय दंड विधान में दंड का भी प्रावधान है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए दार्जिलिंग जिला पुलिस की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. साथ ही नगर निगम व नगर पालिकाओं से भी निगरानी रखने की अपील की जायेगी. विवाह व अन्य कार्यक्रमों में भी बिना इजाजत ड्रोन उड़ाना दंडनीय अफराध है.

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