जलपाईगुड़ी बार एसो. भी तृणमूल के हाथ से फिसला
जलपाईगुड़ी : इस बार तृणमूल के गुटीय विरोध का खमियाजा जलपाईगुड़ी बार एसोसिएशन को भुगतना पड़ा. तृणमूल से संबद्ध निवर्तमान अध्यक्ष अभिजित सरकार को चूंकि इस बार सचिव की दावेदारी नहीं मिली इसलिये उन्होंने निर्दलीय रुप से महाजोट के समर्थन से तृणमूल के दावेदार प्रणव भट्टाचार्य को परास्त कर सचिव पद जीत लिया. महाजोट में […]
जलपाईगुड़ी : इस बार तृणमूल के गुटीय विरोध का खमियाजा जलपाईगुड़ी बार एसोसिएशन को भुगतना पड़ा. तृणमूल से संबद्ध निवर्तमान अध्यक्ष अभिजित सरकार को चूंकि इस बार सचिव की दावेदारी नहीं मिली इसलिये उन्होंने निर्दलीय रुप से महाजोट के समर्थन से तृणमूल के दावेदार प्रणव भट्टाचार्य को परास्त कर सचिव पद जीत लिया. महाजोट में वामफ्रंट के अलावा कांग्रेस और भाजपा के सदस्य थे जिनकी सम्मिलित ताकत के आगे तृणमूल के अधिकतर उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा.
सचिव के पद के अलावा महाजोट के प्रत्याशियों को कुल 23 में से 17 सीटों पर जीत हासिल हुई है. तृणमूल को केवल छह सीटों पर सफलता मिली है.
रविवार को जलपाईगुड़ी के एक गैरसरकारी होटल में राज्य तृणमूल के लीगल सेल के अध्यक्ष ने अधिवक्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए बताया कि तृणमूल कांग्रेस राज्य की सत्ता में है. लेकिन एक एक कर हम बार एसोसिएशन के चुनावों में हार का सामना कर रहे हैं. यह बड़ी चिंता की बात है.
राज्य में कई बार एसोसिएशन के चुनाव में तृणमूल को जीत नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विषय में नाराजगी जताते हुए कहा है कि केवल बार एसोसिएशन के मामले में तृणमूल असफल हो रही है. उन्होंने पुराने सदस्यों को महत्व देने और आपस की गुटबाजी से उबरने के लिये कहा है.
भास्कर वैश्य ने कहा कि उन्होंने पराजय को लेकर जिला लीगल सेल के नेताओं से कैफियत तलब की है.इस बीच सचिव चुने जाने के बावजूद अभिजित सरकार को सहायक सरकारी अधिवक्ता और जिला तृणमूल लीगल सेल के संयोजक पद से हाथ धोना पड़ा है. वहीं, अभिजित सरकार ने कहा है कि तृणमूल ने जिन्हें प्रत्याशी बनाया था उन्हें वकीलों ने पसंद ही नहीं किया. तृणमूल लीगल सेल के संयोजक गौतम दास ने बताया कि सेल की स्थायी कमेटी नहीं है. तृणमूल के खिलाफ अनैतिक जोट होने से हमारी हार हुई है. उसमें तृणमूल के विक्षुब्ध सदस्यों ने भी योगदान दिया था.