दाजिर्लिंग में हार पर होगी चर्चा
सिलीगुड़ी: दो जून को तृणमूल सुप्रीमो तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सिलीगुड़ी आगमन को लेकर एक ओर जहां प्रशासनिक तैयारियां जोरों से की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय तृणमूल नेता भी विभिन्न मुद्दों पर ममता बनर्जी को सफाई देने की तैयारी में लगे हुए हैं. तृणमूल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा […]
सिलीगुड़ी: दो जून को तृणमूल सुप्रीमो तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सिलीगुड़ी आगमन को लेकर एक ओर जहां प्रशासनिक तैयारियां जोरों से की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय तृणमूल नेता भी विभिन्न मुद्दों पर ममता बनर्जी को सफाई देने की तैयारी में लगे हुए हैं.
तृणमूल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव में दाजिर्लिंग संसदीय सीट से तृणमूल उम्मीदवार वाइचुंग भुटिया की हार से ममता बनर्जी स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से काफी नाराज हैं. खासकर उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव से इस मुद्दे में सफाई मांगने की तैयारी ममता बनर्जी ने कर ली है. सूत्रों ने आगे बताया कि चुनाव में हार के बाद वाइचुंग भुटिया कोलकाता गये थे और उन्होंने वहां पर अपने हार के कारणों के संबंध में एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दी है. उस रिपोर्ट में उन्होंने सिलीगुड़ी तथा दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र के कई तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर निशाना साधा है.
सूत्रों ने आगे बताया कि रिपोर्ट में पहाड़ को यदि छोड़ दें, तो समतल क्षेत्र में भी कई स्थानों पर तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार को अपेक्षाकृत कम वोट मिलने की बात कही गई है. सूत्रों ने आगे बताया कि दाजिर्लिंग संसदीय क्षेत्र से हार को लेकर जो समीक्षा बैठक होगी, उसमें पहाड़ के भी तृणमूल कांग्रेस नेताओं को भाग लेने के लिए बुलाया गया है. इसके अलावा इस बैठक को लेकर तृणमूल कांग्रेस में गौतम देव विरोधी शिविर की सक्रियता भी काफी बढ़ गई है. समझा जाता है कि कई स्थानीय नेता इस हार को लेकर गौतम देव को लपेटने की तैयारी में लग गये हैं. गौतम देव विरोधी कुछ नेताओं का मानना है कि अत्यधिक भार की वजह से गौतम देव संगठन को मजबूत करने में समय नहीं दे पा रहे हैं.
गौतम देव को कई पद
यहां गौरतलब है कि गौतम देव उत्तर बंगाल विकास मंत्री के साथ-साथ सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) एवं नॉर्थ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनबीएसटीसी) के चेयरमैन भी हैं. गौतम देव विरोधी नेताओं को यह सब रास नहीं आ रहा है कि एक ही ब्यक्ति तमाम महत्पपूर्ण पदों पर रहें और बाकी लोग ताकते रह जाएं. पहले एनबीएसटीसी के चेयरमैन कूचबिहार के विधायक थे, जबकि एसजेडीए के चेयरमैन सिलीगुड़ी के विधायक रूद्रनाथ भट्टाचार्य थे. एनबीएसटीसी के सही रूप से काम नहीं करने तथा एसजेडीए में करोड़ों रुपये के घोटाले के सामने आने के बाद दोनों को ही अपने-अपने पदों से ममता बनर्जी ने हटा दिया था. सूत्रों ने आगे बताया कि इस बार लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी की लहर से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन दाजिर्लिंग संसदीय क्षेत्र के समतल इलाके में एसजेडीए घोटाले जैसे मुद्दे ने अपना बड़ा प्रभाव दिखाया. हालांकि गौतम देव के समय इस तरह का घोटाला नहीं हुआ है. घोटाले के तमाम आरोप एसजेडीए के पूर्व चेयरमैन रूद्रनाथ भट्टाचार्य पर लग रहे हैं. माकपा ने अपने चुनाव प्रचार में इस मामले को जोर-शोर से उछाला था. गौतम देव विरोधी नेता ममता बनर्जी को संभवत: यह समझाने में कामयाब रहे हैं कि उत्तर बंगाल विकास मंत्री मामले को ठीक ढंग से नहीं संभाल सके. इसी वजह से इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है.
समतल क्षेत्र में भी खराब प्रदर्शन
सूत्रों ने आगे बताया कि ममता बनर्जी इस बात से बेहद नाराज हैं कि तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार वाइचुंग भुटिया को सिलीगुड़ी, फासीदेवा तथा नक्सलबाड़ी इलाके में उतनी सफलता नहीं मिली. दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में गोजमुमो की धमक के कारण ऐसे भी ममता बनर्जी को उतनी सफलता की उम्मीद नहीं थी. लेकिन पूरे राज्य में जहां तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवारों की भारी जीत हुई, वहीं दाजिर्लिंग संसदीय क्षेत्र से करीब दो लाख मतों से वाइचुंग भुटिया की हुई हार से वह खासा खफा हैं.