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सिलीगुड़ी नगर निगम से वाम मोर्चा को हटाने में जुटी तृणमूल
सिलीगुड़ी : हाउसिंग फॉर ऑल योजना में सिलीगुड़ी नगर निगम में हुए घोटाले को मुद्दा बनाकर माकपा बोर्ड को अपदस्थ करने के लिए तृणमूल ने कमर कस ली है. बोर्ड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर कांग्रेस के समर्थन की घोषणा पर भी तृणमूल विचार-विमर्श कर रही है. गुरुवार शाम को राज्य के पर्यटन मंत्री […]
सिलीगुड़ी : हाउसिंग फॉर ऑल योजना में सिलीगुड़ी नगर निगम में हुए घोटाले को मुद्दा बनाकर माकपा बोर्ड को अपदस्थ करने के लिए तृणमूल ने कमर कस ली है. बोर्ड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर कांग्रेस के समर्थन की घोषणा पर भी तृणमूल विचार-विमर्श कर रही है. गुरुवार शाम को राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने नगर निगम के तृणमूल पार्षदों के साथ बैठक की.
यहां बता दें कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हाउसिंग फॉर ऑल को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम में एक घोटाला सामने आया है. वार्ड पार्षदों द्वारा बनायी गयी सूची में भारी फेरबदल किया गया है. ऐसे 111 लोगों के बैंक खाते में योजना का रुपया पहुंच गया है, जिनका नाम लाभार्थियों की सूची में नहीं है. इसे लेकर पिछले कई दिनों से सिलीगुड़ी नगर निगम में हंगामा जारी है.
हाउसिंग फॉर ऑल परियोजना वर्ष 2015 में केंद्र ने शुरू की थी. लेकिन निगम का बोर्ड 2015 में लाभार्थियों की सूची नहीं बना पाया. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 में निगम ने एक सर्वे के माध्यम से 29 हजार 43 लाभार्थियों की सूची बनायी. जबकि प्रथम चरण के लिए सूडा ने मात्र 2000 लाभार्थियों के लिए मंजूरी दी. निगम ने प्रत्येक वार्ड के लिए लाभार्थियों की संख्या वार्ड पार्षदों को भेजकर प्रथम चरण के लिए नाम प्रस्ताव मांगा. सभी पार्षदों ने लाभार्थियों की सूची बनाकर भेज दी.
फिर भी निगम प्रथम चरण के लिए मात्र 1247 लाभार्थियों की सूची तैयार कर पाया. लेकिन इसमें भी काफी हेराफेरी हुई है. जिस पार्षद ने अपने वार्ड के 86 लोगों का नाम हाउसिंग फॉर ऑल के प्रथम चरण के लिए प्रस्तावित किया था, उनके वार्ड में लाभार्थियों की संख्या 133 हो गयी. इसके अतिरिक्त प्रथम चरण का रुपया सूची में शामिल न होने वाले लोगों के बैंक खाते में भी पहुंच गया है. 70 लाख रुपये गैर-लाभार्थियों के खाते में पहुंच चुके हैं. जबकि सूची में शामिल कई लाभार्थियों को प्रथम चरण का रुपया नहीं मिला है.
इस मुद्दे को लेकर गत 30 जुलाई को सिलीगुड़ी नगर निगम की मासिक बोर्ड सभा में जमकर हंगामा हुआ. इसी बोर्ड सभा में कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती देते हुए समर्थन का वादा किया. गुरुवार को वीनस मोड़ स्थित पीडब्ल्यूडी इंस्पेक्शन बंग्लो में तृणमूल पार्षदों के साथ बैठक करने के बाद राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने बताया कि माकपा बोर्ड हर मोर्चे पर विफल है. हाउसिंग फॉर ऑल योजना में हुए घोटाले के बाद माकपा को बोर्ड में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है.
मेयर सहित मेयर परिषद सदस्यों को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, लेकिन माकपाई देहत्याग से पहले पदत्याग नहीं करते. उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लेकर कांग्रेस के साथ भी विचार-विमर्श किया जा सकता है. माकपा बोर्ड को हटाने के लिए हर संभव प्रयास तृणमूल करेगी.
इधर, कांग्रेस के परिषदीय दल नेता सुजय घटक ने कहा कि घोटाले का मुद्दा पहले मेयर ने ही उठाया. उन्होंने एक कर्मचारी को तत्काल छुट्टी पर भेज दिया है. 70 लाख रुपया अब कैसे वापस लाया जायेगा? ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो गयी है कि सिलीगुड़ी में हाउसिंग फॉर ऑल योजना बंद भी हो सकती है. इस घोटाले के लिए बोर्ड जिम्मेदार है. यदि तृणमूल इस मुद्दे को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो कांग्रेस समर्थन को तैयार है.
किसके पास, कितनी ताकत
सिलीगुड़ी नगर निगम में कुल 47 वार्ड है. वर्ष 2015 के चुनाव में 15 नंबर वार्ड के निर्दलीय पार्षद स्वर्गीय अरबिंद घोष ने किंगमेकर की भूमिका निभाते हुए माकपा को बोर्ड थमाया. उस समय माकपा 23, तृणमूल 17, कांग्रेस 4 व भाजपा ने दो वार्डों पर कब्जा जमाया था. बाद में 5 नंबर वार्ड की माकपा साथी फॉरवार्ड ब्लॉक पार्षद सह तत्कालीन स्वास्थ विभाग की मेयर परिषद सदस्य दुर्गा सिंह ने तृणमूल का दामन थाम लिया. जिससे तृणमूल का आंकड़ा बढ़कर 18 हो गया है. ऐसे में यदि तृणमूल अविश्वास प्रस्ताव लाती भी तो बोर्ड को हटाना मुश्किल होगा. क्यौंकि नियमानुसार जादुई आंकड़ा 26 है. तृणमूल और कांग्रेस साथ मिलकर 24 तक पहुंचती हैं.
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