अधिकारियों का है टोटा

आसनसोल : आसनसोल नगर निगम के मौजूदा बोर्ड के कार्यकाल समाप्त होने और प्रशासक की नियुक्ति होने के बाद नगर के अधिकांश विकास कार्य बाधित हो सकते हैं. निगम के कई महत्वपूर्ण अधिकारियों के पद रिक्त होने के कारण परेशानी काफी बढ़गी. इस समय तो मेयर, उपमेयर, चेयरमैन, मेयर परिषद सदस्यों के हस्तक्षेप से कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2014 5:59 AM

आसनसोल : आसनसोल नगर निगम के मौजूदा बोर्ड के कार्यकाल समाप्त होने और प्रशासक की नियुक्ति होने के बाद नगर के अधिकांश विकास कार्य बाधित हो सकते हैं. निगम के कई महत्वपूर्ण अधिकारियों के पद रिक्त होने के कारण परेशानी काफी बढ़गी. इस समय तो मेयर, उपमेयर, चेयरमैन, मेयर परिषद सदस्यों के हस्तक्षेप से कई विकास कार्य हो जाते हैं, लेकिन प्रसासक की नियुक्ति होने के बाद ये सभी निष्प्रभावी हो जायेंगे.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि निगम में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद निगम आयुक्त का है. पिछले पूर्णकालिक निगम आयुक्त जादव मंडल रहे थे. उनके तबादले के कमोवेश तीन वर्ष से अधिक हो चुके हैं. इसके बाद से स्थायी आयुक्त की नियुक्ति नहीं हो सकी है. कभी महकमाशासक तो कभी अतिरिक्त जिलाशासक को इसका अतिरिक्त प्रभार मिलता रहा है. आयुक्त के नहीं रहने के कारण कई विभागीय कार्य लंबित रहते हैं.

इसी तरह निगम सचिव का पद काफी समय से रिक्त पड़ा हुआ है. पिछले बोर्ड के समय से ही यह पद खाली है. आयुक्त की अनुपस्तिति में दुर्गापुर नगर निगम के सचिव को इसका अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. वे भी अपनी विभागीय सुविधा के अनुरूप कार्यो का निष्पादन करते हैं. विकास कार्यो के लिए चीफ म्यूनिसिपल इंजीनियर की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है. नीति निर्धारण व समीक्षा भी इनके माध्यम से होती है. यह पद भी वर्षो से रिक्त पड़ा हुआ है. उनके सहयोग के लिए निगम में दो म्यूनिसिपल इंजीनियर के पद स्वीकृत हैं. इनमे ं से एक ही पद पर अधिकारी नियुक्त है. दूसरा पद लंबे समय से ही रिक्त पड़ा हुआ है.

एक ही अधिकारी सभी कार्य करते हैं. इसी विभाग में इंजीनियर के आठ पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से दो ही पदों पर स्थायी इंजीनियरों का पदास्थापन किया गया है. सब इंजीनियरों के भी आठ पद स्वीकृत हैं. लेकिन इनमें से मात्र दो पदों पर ही स्थायी नियुक्ति है. अन्य पदों के कार्य अस्थायी इंजीनियरों से चलाया जा रहा है. निगम बोर्ड हमेशा आर्थिक तंगी का रोना रोता है. उनका तर्क है कि करदाताओं के पास उसके करोड़ों रुपये की शुल्क राशि अटकी पड़ी हुई है.

लेकिन बिडम्बना ही है कि निगम में रेवेन्यू ऑफिसर का पद महीनों से रिक्त पड़ा हुआ है. फलस्वरूप राजस्व वसूली का कार्य प्रभावित हो रहा है. निगम क्षेत्र में मिलावटी सामग्री खासकर खाद्यान्न में मिलावट का कार्य देखने तथा कार्रवाई करने के लिए फूड इंस्पेक्टर के दो पद रिक्त सृजित हैं. लेकिन इन पदों पर किसी की भी नियुक्ति नहीं की गयी है. दस लाख से भी अधिक आबादी के स्वास्थ्य को राम भरोसे छोड़ दिया गया है. इसी तरह शहर में सफाई का दायित्व सेनेटरी विभाग का है. हर क्षेत्र से शिकायत मिलती है कि उनके क्षेत्र में नियमित रूप से सफाई नहीं होती है.

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