असम के सच्चे नागरिक न हों उच्छेद : मुनिष
कालिम्पोंग : भारतीय गोर्खा परिसंघ का तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक कालिम्पोंग में रविवार को आयोजित किया गया. बैठक के पहले दिन सर्वोच्च नीति निर्धारण समिति की बैठक तो दूसरे दिन कार्यकारी समिति की बैठक में नीतिगत बातों पर चर्चा किया गया, वहीं तीसरे दिन के निर्णय एवं निष्कर्ष से पत्रकारों को अवगत कराया गया. […]
कालिम्पोंग : भारतीय गोर्खा परिसंघ का तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक कालिम्पोंग में रविवार को आयोजित किया गया. बैठक के पहले दिन सर्वोच्च नीति निर्धारण समिति की बैठक तो दूसरे दिन कार्यकारी समिति की बैठक में नीतिगत बातों पर चर्चा किया गया, वहीं तीसरे दिन के निर्णय एवं निष्कर्ष से पत्रकारों को अवगत कराया गया.
परिसंघ के अध्यक्ष सुखमान मोक्तान के अनुसार तीन दिन बैठक में विभिन्न प्रस्ताव एवं कार्यक्रम तय किया गया. अलग राज्य गठन के लिए परिसंघ ने सभी को एकत्रित कर अपने प्रकार से कार्यक्रम करने का निर्णय लिया है. गोर्खा जाति का अलग चैनल, सरकार के विभिन्न निकायों में गोर्खा के विशिष्ट व्यक्ति का मनोनयन, दिल्ली में गोर्खा भवन के निर्माण आदि के सम्बन्ध में सितम्बर में दिल्ली में शिविर करने की जानकारी दी. इसके अलावा जनवरी में सिलीगुड़ी में त्रिवार्षिक महाअधिवेशन करने साथ ही भागोप को प्रभावकारी एवं मजबूत संगठन के रूप में स्थापित करने लगने की बात पर सहमति बनी.
असम में एनआरसी एवं मणिपुर में पीपल्स एक्ट के कारण गोर्खा एवं वहां के अल्पसंख्यकों को दबाने के प्रयास होने की बातें कहते हुए इस कार्य पर काम करने हेतु भागोप की ओर से लिगल सेल का गठन किया जायेगा. जिसमें असम शाखा के अध्यक्ष नित्यानन्द उपाध्याय को संयोजक के रूप में चयनित किया गया है. इसके अलावा दार्जिलिंग क्षेत्र के पर्चापट्टा की समस्या को देखने की जिम्मेवारी पीके प्रधान को दिया गया है. भागोप युवा प्रकोष्ठ में मिजोराम के नेत्रलाल जैसी एवं सिलीगुड़ी के कैलाश सुब्बा को संयोजक बनाया गया है. महिला प्रकोष्ठ की जिम्मवारी डा. पुनम सुब्बा को दिया गया है. इसके अलावे बैठक के मूल रूप में असम एवं मणिपुर में विभिन्न राजनैतिक प्रक्रिया के कारण गोर्खा जाति पर हो रहे समस्याओं चर्चा-परिचर्चा किया गया.
भागोप महासचिव मुनीष तामांग के अनुसार हाल तक एक लाख से अधिक गोर्खा एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में छोड़े गए है. भागोप द्वारा एनआरसी के अपडेड की प्रक्रिया के समय से ही काम करते रहने की जानकारी तमांग ने दी. वहीं काफी लोग छोड़ने के कारण उनके समस्या निदान के लिए आवश्यक पहल अपनाने सामूहिक कार्यप्रणाली तैयार करने की जानकारी तमांग ने दिया.
उन्होंने एनआरसी के कारण असम के सच्चे नागरिक नहीं छोड़ने की बातें कही. भागोप के असम युनिट अध्यक्ष नित्यानन्द उपाध्यय ने कहा कि असम में गोर्खा जाति को रेंडमली डी वोटर्स बनाने का कार्य होने साथ ही फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में पहली बार में ही गोर्खा को विदेशी बनाने का काम चलने की बारे में जानकारी दी. उन्होंने एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट आने पर अब क्लेम एण्ड अब्जेक्शन करने के प्रावधानों की जानकारी दी.