जमीन हड़पने का एक और मामला आया सामने, पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर से लगायी इंसाफ की गुहार

सिलीगुड़ी : पिछले कुछ दिनों से सिलीगुड़ी में पुलिस प्रशासन की ओर से जमीन माफियाओं के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जा रहा है. इसी बीच सिलीगुड़ी संलग्न साहूडांगी के बिन्नागुड़ी नवापारा इलाके से सुदन राय के पैतृक जमीन पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा करने का मामला सामने आया है. पीड़ित परिवार की ओर से 9 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2018 3:24 AM
सिलीगुड़ी : पिछले कुछ दिनों से सिलीगुड़ी में पुलिस प्रशासन की ओर से जमीन माफियाओं के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जा रहा है. इसी बीच सिलीगुड़ी संलग्न साहूडांगी के बिन्नागुड़ी नवापारा इलाके से सुदन राय के पैतृक जमीन पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा करने का मामला सामने आया है. पीड़ित परिवार की ओर से 9 अगस्त को सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर से शिकायत दर्ज करायी गयी है.
शुक्रवार को नॉर्थ बंगाल प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सुदन राय ने बताया कि जब वह अपनी उस 15 बीघा जमीन पर निर्माण करवाता है तो विभिन्न मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. उसने इस मामले में निष्पक्ष न्याय की मांग की है. सुदन राय ने कहा कि साहूडांगी के बिन्नागुड़ी नवापारा में उसकी 15 बीघा पैतृक जमीन है. जो उसके दादा भावेश सिंह राय के नाम पर रजिस्टर्ड है.
उसने बताया कि जमीन पर सिलीगुड़ी के खालपाड़ा निवासी लैंड ब्रोकर श्याम गोयल ने पिछले दो तीन वर्षों से गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर रखा है. उसने श्याम गोयल पर जमीन के जाली कागजात बनवाने का भी आरोप लगाया है. उसने बताया कि जब इस बारे में उन्हें पता चला तो उन लोगों ने एनजेपी थाने में श्याम गोयल के खिलाफ मामला दर्ज कराया. लेकिन उसी दौरान श्याम गोयल ने उनके डेढ़ बीघा जमीन को 40 लाख रुपये में किसी से बेच दिया.
सुदन ने आगे बताय कि इस समस्या को लेकर स्थानीय नेताओं के साथ ही राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव से भी बात की थी. लेकिन कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा. जिसके बाद गत गुरुवार को पुलिस के कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज करायी गयी. उसने न्याय निष्पक्ष जांच कर न्याय की मांग की. वहीं दूसरी ओर इस संबंध में श्याम गोयल ने बताया कि उसपर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद हैं. क्योंकि वर्ष 1958 में भावेश सिंह राय ने उस जमीन को सुधीर भद्र को बेचा था.
उसके बाद भी कई लोगों से उस जमीन को बेचा गया है. श्याम गोयल के अनुसार उस जमीन को वर्ष 2014 में गजानंद अग्रवाल, कानीराम अग्रवाल, भंवर अग्रवाल, कौशल चंद्र अरिया से खरीदी थी. लेकिन 2016 से राय परिवार उस जमीन को अपना बता रहा है. इसे लेकर कोर्ट में मामला भी चल रहा है.

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