जनतांत्रिक तरीके से आंदोलन जारी रहेगा : ज्वाइंट फोरम
दार्जिलिंग : हमारा आंदोलन शांतिप्रिय और गणतांत्रिक तरीके से जारी रहेगा, उक्त बातें ज्वाइंट फोरम की ओर से कही गयी है. पिछले दिनों की तरह ही सोमवार को ज्वाइंट फोरम ने ओरेंज वैली चाय बागान में न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर गेट मीटिंग किया. गेट मीटिंग में ज्वाइंट फोरम के कनवेनर जेवी तमांग भी […]
दार्जिलिंग : हमारा आंदोलन शांतिप्रिय और गणतांत्रिक तरीके से जारी रहेगा, उक्त बातें ज्वाइंट फोरम की ओर से कही गयी है. पिछले दिनों की तरह ही सोमवार को ज्वाइंट फोरम ने ओरेंज वैली चाय बागान में न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर गेट मीटिंग किया. गेट मीटिंग में ज्वाइंट फोरम के कनवेनर जेवी तमांग भी उपस्थित रहे. वहीं अन्य लोगों में वाइ लामा, डीके गुरुंग भी मौजूद थे.
गेट मीटिंग को संबोधित करते हुये डीके गुरुंग ने कहा कि हमारा आंदोलन 2017 में 105 दिनों के पहाड़ बंद की तरह नहीं होगा. उस समय आंदोलन के दौरान 105 दिनों के बंद में स्कूलों को फूंका गया और थानों में तोड़फोड़ की गयी. चाय बागानों को बंद कर दिया गया, लेकिन ज्वाइंट फोरम का आंदोलन वैसा नहीं होगा. हमलोगों ने चाय बागानों में कार्यरत श्रमिकों के लिये न्यूनतम मजदूरी तय हो इसी को लेकर हमलोग आंदोलनरत हैं.
श्री गुरुंग ने मोर्चा के श्रमिक संगठन दार्जिलिंग तराई डुआर्स प्लांटेशन लेबर यूनियन के आंदोलन पर प्रश्न खड़ा करते हुये कहा कि गोजमुमो के आंदोलन से श्रमिक वाकिफ हैं. इनलोगों को अपना जेब भरने के अलावे दूसरा कुछ भी आता नहीं है. मोर्चा अध्यक्ष एंव जीटीए वीओए चेयरमैन विनय तमांग ने चाय श्रमिकों के न्यूनतम वेतन के बारे में उन्होंने सरकार के साथ प्रतिदिन बातचीत करने का दावा करते हुये समाचार पत्रों को बताया गया है.
यदि उन्होंने सच में ऐसा कार्य किया है तो सरकार के साथ क्या-क्या बातचीत हुआ है, उसको सार्वजनिक करने का गुरूंग ने बताने को कहा. परंतु विनय तमांग ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है. जनता को भ्रमित करने के लिये इस तरह का गलत प्रचार-प्रसार करने का गम्भीर आरोप लगाया. इसी तरह से गोरामुमो नेता वाइ लामा ने कहा कि जब तक चाय श्रमिकों के लिये न्यूनतम वेतन तय नहीं होगा, तब तक गोरामुमो का आन्दोलन जारी रहेगा.
हमलोग पार्टी और झंडा देखकर आंदोलन नहीं कर रहे हैं. श्रमिकों का पार्टी और धर्म नहीं होता है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर व्यंग करते हुये वाइ लामा ने कहा कि जब तक न्यूनतम वेतन तय नहीं होगा, तब तक पहाड़ हंसने वाला नहीं है दीदी.