बालू उठाव पर रोक का परिवहन कमेटी ने किया विरोध
जलपाईगुड़ी : उत्तर बंगाल की विभिन्न नदियों से बालू और बजरी निकाले जाने पर लगी रोक का जलपाईगुड़ी बाली-पाथर परिवहन कमेटी विरोध किया है. उसने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया तो कमेटी से जुड़े करीब 15 हजार ट्रक मालिक बड़े आंदोलन में उतरेंगे. कमेटी की ओर से […]
जलपाईगुड़ी : उत्तर बंगाल की विभिन्न नदियों से बालू और बजरी निकाले जाने पर लगी रोक का जलपाईगुड़ी बाली-पाथर परिवहन कमेटी विरोध किया है. उसने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया तो कमेटी से जुड़े करीब 15 हजार ट्रक मालिक बड़े आंदोलन में उतरेंगे. कमेटी की ओर से कहा गया है कि किसी ने मुख्यमंत्री को यह गलत समझा दिया है कि उत्तर बंगाल की नदियों की बालू और बजरी घटिया किस्म की है, जिसके चलते सरकारी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता खराब हो रही है.
कमेटी ने उस सरकारी आदेश को अविलंब वापस लेने की मांग की है, जिसमें यह कहा गया है कि केवल पाकुड़ के काले पत्थर का ही इस्तेमाल किया जायेगा. गुरुवार को कमेटी के सचिव सत्यजीत विश्ववास और जिला ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप नंदी ने जलपाईगुड़ी प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि जल्द ही रास्त नहीं निकलने पर सड़कों को अवरूद्ध किया जायेगा और जिलाधिकारी के कार्यालय का घेराव होगा.
सत्यजीत विश्वास ने कहा कि तीन दिन पहले हमलोगों ने जिलाधिकारी से मुलाकात के लिए समय लिया था, लेकिन गुरुवार को जिलाधिकारी ने एडीएम के पास भेज दिया. एडीएम के पास जाने पर उन्होंने आरटीओ के पास भेजा. फिर आरटीओ ने उन लोगों को सीनियर डीसी के पास जाने को कहा. ऐसे में हमलोग बिना कोई चर्चा किये निराश होकर लौट आये. बालू-पत्थर के काम में लाखों श्रमिक लगे हुए हैं. इस महीने की तीन तारीख से सभी बेरोजगार होकर बैठे हैं. अगर केवल पाकुड़ से ही पत्थर आयेगा तो हमलोग क्या करेंगे. ऐसे में हमारे पास सड़क पर उतरने के अलावा कोई चारा नहीं रह जायेगा.
इस संबंध में कूचबिहार के हल्दीबाड़ी ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के सचिव रबिउल गनी प्रधान ने कहा कि करीब 100 सालों से उत्तर बंगाल की नदियों से निर्माण सामग्री निकाली जा रही है. कभी इसके खराब होने की शिकायत नहीं मिली. अगर घटिया काम के चलते फांसीदेवा और कोलकाता में ओवरब्रिज गिर गया तो क्या इसके लिए हमलोग जिम्मेदार हैं? कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री को गलत जानकारी देकर गुमराह किया है.
डुवार्स के उदलाबाड़ी ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रवण गुप्ता ने कहा कि अभी तीस्ता के बालू का इस्तेमाल कर फोर लेन सड़क का काम चल रहा है. तो क्या सरकारी निर्देश के अनुसार इस सड़क का काम भी बंद हो जायेगा? उन्होंने कहा कि इसके पीछे किसी की साजिश है. राज्य सरकार और रेलवे का बहुत सा काम उत्तर बंगाल की नदियों के बालू-पत्थर से ही हो रहा है. इस पर रोक पूरी तरह गलत है.