सिलीगुड़ी : ममता को प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं : इदरीश अली

एनआरसी में पूर्व राष्ट्रपति के परिवार का नाम नहीं केरल में प्राकृतिक आपदा पर भाजपा कर रही राजनीति सिलीगुड़ी : आल इंडिया माइनॉरिटी ऑर्गनाइजेशन (एआइएमओ) 2019 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी को भारत का प्रधानमंत्री देखना चाहता है. इसके बाद बंगाल के मुख्यमंत्री की कुर्सी अभिषेक बनर्जी को मिले. आनेवाले समय में एआइएमओ इसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2018 6:04 AM
एनआरसी में पूर्व राष्ट्रपति के परिवार का नाम नहीं
केरल में प्राकृतिक आपदा पर भाजपा कर रही राजनीति
सिलीगुड़ी : आल इंडिया माइनॉरिटी ऑर्गनाइजेशन (एआइएमओ) 2019 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी को भारत का प्रधानमंत्री देखना चाहता है.
इसके बाद बंगाल के मुख्यमंत्री की कुर्सी अभिषेक बनर्जी को मिले. आनेवाले समय में एआइएमओ इसे लेकर जोरदार प्रचार करेगा. बुधवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में संगठन की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बशीरहाट के तृकां सांसद तथा एआइएमओ के मुख्य सलाहकार इदरीश अली ने यह बात कही.
मीडिया से बातचीत में इदरीश अली ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सत्ता में आने से पहले भाजपा सरकार ने हर साल दो करोड़ बेरोजगार युवकों को नौकरी देने की बात कही थी. लेकिन समय के साथ केंद्र सरकार इस वादे को भूल गयी है. उन्होंने एनआरसी के मुद्दे पर कहा कि 40 लाख लोगों को मनमाने ढंग से विदेशी करार दे दिया गया है.
इतना ही नहीं, भारत के पूर्व राष्ट्रपति रह चुके फखरुद्दीन अली अहमद के परिवारवालों का नाम भी एनआरसी में नहीं है, जो कि देश के लिए चिंता का विषय है. इस पर जब स्थिति का जायजा लेने के लिए ममता बनर्जी ने अपने सांसदों को भेजा तो उन्हें जबरन एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया. उन्होंने केरल में आयी प्राकृतिक आपदा पर भी भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.
इदरीश अली ने कहा कि यह सब देखते हुए आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव में उनका संगठन दिल्ली के सिंहासन पर ममता बनर्जी को देखना चाहता है. ममता के प्रधानमंत्री बनने के बाद राज्य की कमान सांसद अभिषेक बनर्जी को मिलनी चाहिए.
संवाददाताओं से बातचीत में एआइएमओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नासिर अहमद ने कहा कि भारत में सभी लोगों को समानता का अधिकार प्राप्त है. इस कारण एक राज्य के श्रमिक दूसरे राज्य में आते-जाते हैं. उनका आरोप है कि जब यहां के श्रमिक बाहरी राज्यों में काम करने जाते हैं, तो उनके खिलाफ एक षड्यंत्र कर उनकी हत्या तक कर दी जाती है.
कहीं-कहीं तो इन श्रमिकों को उत्तर भारतीय की संज्ञा देकर वहां से निकाल भी दिया जाता है. इन श्रमिकों के हित का ध्यान रखते हुए आल इंडिया माइनॉरिटी ऑर्गनाइजेशन आंदोलन करेगा. आनेवाले समय में संगठन की ओर से दिल्ली में धरने पर भी बैठने की योजना है.

Next Article

Exit mobile version