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सिलीगुड़ी : पेट्रोल की कीमत 82.30 प्रति लीटर, डीजल भी किसी से कम नहीं, 74 रुपये के पार
तेल की तेजी ने सिलीगुड़ी में भी तोड़ा रिकार्ड, बढ़ती महंगाई से आमलोग हुए परेशान प्राइवेट नौकरी करने वालों की ज्यादा शामत डेली प्राइसिंग सिस्टम खत्म करने मांग तेज सिलीगुड़ी : बढ़ती महंगाई तथा दिन ब दिन पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम ने वाहन चलाने वालों की कमर को तोड़ रखी है. रोज तेजी से बढ़ […]
तेल की तेजी ने सिलीगुड़ी में भी तोड़ा रिकार्ड, बढ़ती महंगाई से आमलोग हुए परेशान
प्राइवेट नौकरी करने वालों की ज्यादा शामत
डेली प्राइसिंग सिस्टम खत्म करने मांग तेज
सिलीगुड़ी : बढ़ती महंगाई तथा दिन ब दिन पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम ने वाहन चलाने वालों की कमर को तोड़ रखी है. रोज तेजी से बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दाम से देश का हर नागरिक अपने अपने स्तर पर परेशान है.पेट्रोल और डीजल ने सिलीगुड़ी में भी रिकार्ड तोड़ दिया है. इंधन की तेजी से बढ़ते दाम ने नित्य प्रयोग में आने वाली सामग्रियों की कीमतें भी बढ़ा दी है.
केन्द्र सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर डेली प्राइसिंग सिस्टम लागू किया है. अंतराष्ट्रीय बाजार के अनुसार पेट्रोल-डीजल के दाम हर रोज तय किये जा रहे हैं. डेली प्राइसिंग सिस्टम के कारण रोज दामों में बढ़ोत्तरी हो रही है. पूरे देश के साथ सिलीगुड़ी के लोग भी तेल की बढ़ती कीमत से परेशान हैं.
लोगों का कहना है कि महंगाई लगातार बढ़ रही है जिससे जीवन गुजर बसर करने में काफी दिक्कतों का सामना होता है. सिलीगुड़ी में में भी पेट्रोल 82 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुका है. डीजल भी पेट्रोल से ज्यादा पीछे नहीं है. सिलीगुड़ी में बृहस्पतिवार को पेट्रोल की कीमत 82.30 रुपये प्रति लीटर रही. डीजल की कीमत प्रति लीटर 74.30 रुपये प्रति लीटर रही.
तेल की बढ़ती कीमत से सबसे ज्यादा प्राइवेट नौकरी करने वाले आमलोगों को हो रही है. लोगों का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द इस समस्या पर सोचने की आवश्यकता है. नहीं तो आमलोगों का जीवन ज्यादा दूभर हो जायेग. वहीं पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर पंप प्रबंधन की माने तो सेल्स पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है.
सेवक रोड के एक पेट्रोल पंप पर तेल लेने आये रवि देव नामक एक वाहन चालक ने बताया कि वे प्राइवेट फर्म में काम कर किसी भी तरीके से अपना और परिवार की रोजी रोटी चला रहे है. समय के साथ पेट्रोल के बढ़ते दामों ने उनके जेब को भी काटना आरंभ कर दिया है. उन्होंने बताया कि एक ओर बढ़ती महंगाई तथा दूसरी ओर इंधन के मूल्य में रोज वृद्धि ने आम लोगों को परेशान कर रखा है. उनका कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द इसे लेकर सोचने की आवश्यकता है.
दूसरी ओर समस्या को लेकर वीरेंद्र राय नामक एक माल वाहक गाड़ी के चालक ने बताया कि पहले डीजल की कीमत 60 से 65 रुपये प्रति लीटर थी. लेकिन अभी 74.30 रुपये है. उनका कहना है कि सिर्फ तेल के दाम ही बढ़ रहे हैं, लेकिन भाड़ा नहीं बढ़ रहा है. इसके साथ ही शहर में डेली प्राइसिंग सिस्टम खत्म करने की मांग तेज हो गयी है.
इस विषय पर नॉर्थ बंगाल पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्यामल पाल चौधरी ने बताया कि दाम पंप मालिकों के हाथों में नहीं है.
बल्कि पिछले दिनों में सरकार द्वारा डायनामिक प्राइसिंग स्कीम द्वारा अंतराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल डीजल के दाम के अनुसार देश में भी पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत तय करने का निर्णय हुआ. उन्होंने बताया कि वर्तमान में पेट्रोल तथा डीलज के मूल्य कोई खास फर्क नहीं बचा है. जिससे लोगों के बीच अब डीजल गाड़ियों के मुकाबले पेट्रोल गाड़ियों को खरीदने की होड़ बढ़ गई है. उन्होंने केन्द्र सरकार के फैसले पर सवाल भी खड़ा किया.
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कर्नाटक में हुए चुनाव के दौरान तीन सप्ताह तक पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े थे.चुनाव के बाद फिर से दाम बढ़ने लगे. उन्होंने यह भी माना रोज पेट्रोल-डीजलों के बढ़ते दामों की वजह से सेल्स पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है.
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