नागराकाटा : 17 रुपये मजदूरी बढ़ाने को लेकर चिंतित है बागान पक्ष
श्रमिक यूनियनों के साथ मालिक ने की बैठक उत्पादन बढ़ाने के लिए आठ घंटे काम करने पर जोर बागान में प्रतिदिन श्रमिकों की उपस्थिति भी होती है कम नागराकाटा : मजदूरी वृद्धी को लेकर चिंतित मालिक पक्ष ने बागान में कामकाज का माहौल ठीक करने के लिए श्रमिकों के साथ बैठक की. उत्पादन व आयतन […]
श्रमिक यूनियनों के साथ मालिक ने की बैठक
उत्पादन बढ़ाने के लिए आठ घंटे काम करने पर जोर
बागान में प्रतिदिन श्रमिकों की उपस्थिति भी होती है कम
नागराकाटा : मजदूरी वृद्धी को लेकर चिंतित मालिक पक्ष ने बागान में कामकाज का माहौल ठीक करने के लिए श्रमिकों के साथ बैठक की. उत्पादन व आयतन दोनों दृष्टिकोण से देश के सबसे बड़े नागराकाटा चैंगामारी चाय बागान मालिक राज केजरीवाल ने शुक्रवार को स्थानीय श्रमिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.
बैठक में मालिक पक्ष ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बागान का उत्पादन नही बढ़ाने पर बागान चलाना मुश्किल हो जायेगा.
सितंबर व अक्टूबर में 10 व 7 रुपए मजदूरी वृद्धी से चैंगमारी सहित अन्य बागान मालिकों को काफी परेशानी होगी. बैठक में श्रमिक नेता व मालिक पक्ष दोनों ने बागान में कामकाज का माहौल वापसी पर सहमत हुए. अगर दोनों पक्ष मिलजुल कर काम करे तो मजदूरी वृद्धी बड़ी बाधा नहीं हो सकती.
चैंगमारी चाय बागान के संचालकों के विश्लेषन के अनुसार वर्तमान में तैयार चाय की कीमत औसतन 165 रुपए है. जबकि मजदूरी बढ़कर 176 रुपए हो जाने से उत्पादन लागत 175 रुपए से 180 रुपए हो जायेगा. इस अनुपात को एकमात्र उत्पादन बढ़ाकर ही काबू में किया जा सकता है.
इसलिए श्रमिकों को 8 घंटे तक काम करना सुनिश्चित किया जायेगा. साथ ही श्रमिकों की संख्या बढ़ानी होगी. मालिकपक्ष का कहना है कि इस बागान में स्थायी व अस्थायी मिलाकर जहां 6500 श्रमिकों का काम है. जबकी रोजाना सिर्फ 3200 श्रमिक मिलते है. मालिकों का यह हिसाब यहां के ट्रेड यूनियनों द्वारा जारी आंकड़ों से भी मिलता है. नेताओं ने बताया कि चैंगमारी से 400 स्थायी श्रमिक बाहरी राज्य में काम करने जा चुके है. डुआर्स के अन्य बागानों में श्रमिक समस्या चल रही है.
चैंगमारी बागान के मैनेजर अविनाश दे ने कहा कि 17 रुपए मजदूरी वृद्धी उनके लिए एक चुनौती है. वास्तव परिस्थिति का विश्लेषण कर मालिक पक्ष ने अपनी चिंता को श्रमिकों के सामने रखा. अब किसी भी कीमत पर उत्पादन खर्चा को घटाना होगा. 8 घंटा काम नहीं होने पर उत्पादन बढ़ाना संभव नहीं होगा. तृणमूल कांग्रेस मजदूर यूनियन नागराकाटा के नेता अमरनात झा ने समस्या को स्वीकार किया है.
ज्वाइंट फोरम के नेता मणि कुमार दार्नाल ने कहा कि उद्योग चले तो श्रमिक भी जिंदा रहेंगे. उन्होंने कहा कि सभी को एक साथ मिलकर उत्पादन, कार्य संस्कृति एवं श्रमिक कमी की समस्या का समाधान करना होगा. मालिकों को भी चाहिए की श्रमिकों का हक उन्हें मुहैया कराये. चाय मालिकों का संगठन टाई के डुआर्स शाखा के सचिव राम अवतार शर्मा ने बताया कि चाय की कीमत बढ़ाकर बागानों को समस्या से बाहर निकाली जा सकती है. इसके लिए देश व विदेश के बाजारों में डुआर्स के चाय की अलग पहचान बनानी होगी.