बालुरघाट : बाढ़ प्रभावितों को एक साल बाद भी नहीं मिले घर

बालुरघाट : भयावह बाढ़ से प्रभावित हुए एक साल हो गया. लेकिन अभी तक बेघर हुए आदिवासियों को सरकारी वायदे के अनुसार उनके लिये घर नहीं बनवाये गये. न ही उन्हें कोई मुआवजा दिया गया. यह मसला दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुमारगंज ब्लॉक के दिउर ग्राम पंचायत के धरमपुर गांव का है. जानकारी अनुसार इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2018 12:52 AM
बालुरघाट : भयावह बाढ़ से प्रभावित हुए एक साल हो गया. लेकिन अभी तक बेघर हुए आदिवासियों को सरकारी वायदे के अनुसार उनके लिये घर नहीं बनवाये गये. न ही उन्हें कोई मुआवजा दिया गया. यह मसला दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुमारगंज ब्लॉक के दिउर ग्राम पंचायत के धरमपुर गांव का है. जानकारी अनुसार इस गांव के 150 में से केवल 11 लोगों ही सरकार की ओर से घर बनवाये गये. बाकी 139 परिवार आज भी बेघर हैं.
उन्होंने अपने ही बूते किसी तरह घर की मरम्मत कराकर काम चला रहे हैं. उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त के मध्य में उत्तर बंगाल के अन्य जिलों की तरह दक्षिण दिनाजपुर जिले में आयी भीषण बाढ़ से आठ प्रखंडों के कई गांव तबाह हो गये थे. उसके बाद ही राज्य सरकार की ओर से प्रभावितों को मुआवजा देने के लिये सर्वे किया गया था. कई प्रभावितों को आर्थिक मुआवजे के अलावा घर मुहैया कराये गये थे. लेकिन धरमपुर गांव के 139 परिवार आज भी वंचित हैं. इस गांव के केवल 11 परिवारों के लिये ही घर बनवाये गये हैं. इससे आदिवासी समाज में गहरी नाराजगी है. बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि गांव के बगल से ही नदी बहती है.
इसलिये बाढ़ में उनके सारे घर बह गये थे. जो वास्तव में बाढ़ग्रस्त हैं उन्हें कोई मदद नहीं मिली है. जिन्हें मदद मिली है वे वास्तव में प्रभावित हैं ही नहीं. उसके बाद ही उन्होंने किसी तरह अपनी मेहनत की कमाई खर्च कर घरों की मरम्मत कर किसी तरह सिर छिपाने लायक बनवा लिये हैं. हालांकि परेशानी अभी भी बनी हुई है. इस बारे में कुमारगंज ब्लॉक के ज्वाइंट बीडीओ खेमसुंदर मंडल ने बताया कि ऐसा तो होना नहीं चाहिये. वे मामले की खोजबीन कर जरूरी कदम उठायेंगे.

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