बेमौसम गेंदा फूल की खेती से आत्मनिर्भर हो रहे किसान
मालदा : बिना मौसम गेंदा फूल की खेती करके गाजोल ब्लॉक के कई किसानों ने बड़ी सफलता हासिल की है. इस खेती में गाजोल ब्लॉक का भुवन कॉलोनी स्वनिर्भर महिला समूह भी जुड़ गया है. आमतौर पर गेंदे का फूल जाड़े में होता है. लेकिन दूसरे समय में भी गेंदे का फूल उगा करके गाजोल […]
मालदा : बिना मौसम गेंदा फूल की खेती करके गाजोल ब्लॉक के कई किसानों ने बड़ी सफलता हासिल की है. इस खेती में गाजोल ब्लॉक का भुवन कॉलोनी स्वनिर्भर महिला समूह भी जुड़ गया है. आमतौर पर गेंदे का फूल जाड़े में होता है. लेकिन दूसरे समय में भी गेंदे का फूल उगा करके गाजोल के किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं. यहां से गेंदा फूल बिहार, झारखंड और उत्तर बंगाल के कई जिलों में भेजा जा रहा है.
गाजोल ब्लॉक से चांचल जाने के रास्ते पर भुवन कॉलोनी इलाके में एनएच 81 के किनारे करीब 15 बीघा जमीन पर गेंदा फूल की खेती की जा रही है. स्थानीय किसानों भुवन वैद्य, सहदेव विश्वास, अनिर्वाण सरकार आदि किसान गर्मी और बारिश के मौसम में गेंदा उगाते हैं. भुवन वैद्य और सहदेव विश्वास ने बताया कि पहले यहां केवल एक बीघा जमीन पर गेंदा की खेती होती थी.
धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता जा रहा है. एक बीघा की खेती में एक हजार रुपये खर्च होता है. जबकि इतनी जमीन में एक से डेढ़ क्विंटल फूल का उत्पादन होता है. इस मौसम में फूल भींगे हुये रहते हैं, फिर भी फूल 20-30 रुपये आराम से बिक जाते हैं और सूखे फूल 50 से 60 रुपये किलो बिकते हैं. गेंदा फूलों को तोड़ने का काम महिला स्वनिर्भर दल की सदस्यों से करवाया जाता है. इसके लिये उन्हें प्रति किलो दो से पांच रूपये की मजदूरी दी जाती है.
किसानों का है कहना
पहले हमें लगता था कि जाड़े के अलावा दूसरे मौसम में गेंदा नहीं उगेगा. लेकिन बागवानी विभाग के सहयोग से पौधों की उचित देखभाल करके बिना मौसम भी बढ़िया फूल खिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि गेंदे के पौधे काफी नाजूक होते हैं. इसलिये उन्हें रोपने के बाद मवेशियों से खासतौर पर बचाना पड़ता है. बागवानी विभाग के मालदा के उपनिदेशक राहुल चक्रवर्ती ने बताया कि गाजोल इलाके में बिना मौसम गेंदा फूल की खेती को काफी सफलता मिली है. इसे देखते हुये दूसरे किसान भी उत्साहित हो रहे हैं.