सरकारी बसें चलीं, सड़कें व बाजार सुनसान, तृणमूल समर्थकों के साथ पुलिस का हुआ विवाद
दिनहाटा : इस्लामपुर की घटना के विरोध में भाजपा के बुलाये बंद का दिनहाटा में मिलाजुला असर रहा. बुधवार को बंद को लेकर सुबह से ही पुलिस के साथ ही शहर के विभिन्न हिस्सों में तृणमूल समर्थकों का जमावड़ा देखने को मिला. बंद को देखते हुए आम यात्री सड़क पर काफी कम ही नजर आये. […]
दिनहाटा : इस्लामपुर की घटना के विरोध में भाजपा के बुलाये बंद का दिनहाटा में मिलाजुला असर रहा. बुधवार को बंद को लेकर सुबह से ही पुलिस के साथ ही शहर के विभिन्न हिस्सों में तृणमूल समर्थकों का जमावड़ा देखने को मिला. बंद को देखते हुए आम यात्री सड़क पर काफी कम ही नजर आये. गैरसरकारी बसें भी सड़क पर नहीं दिखी, जबकी सरकारी बसें चली.
दिनहाटा में सरकारी बस चालकों को सिर पर हेलमेट पहनकर गाड़ी चलाते पाया गया. सरकार बस चालकों ने कहा कि बंद के बीच यात्री परिसेवा सामान्य रखने के साथ ही खुद को सुरक्षित रखने के लिए सिर पर हेलमेट पहनना पड़ा. सुबह से ही हाट बाजारों में दुकाने बंद रही. हालांकी दोपहर तक कई दुकाने खुली.
महकमा प्रशासन सूत्रों से पता चला है कि सरकारी कार्यालय खुले रहे. उपस्थिति भी सामान्य रही. स्कूल कॉलेज भी खुले रहे, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या काफी कम थी. दिनहाटा एसडीपीओ उमेश जी खंडवाल की अगुवायी में विशाल पुलिस बल महकमा के विभिन्न स्थानों में गस्ती लगाया. तृणमूल की ओर से भी बंद के समर्थन में शहर के व्यवसायियों से दुकाने खोलने की अपील की गयी.
तृणमूल दिनहाटा शहर ब्लॉक अध्यक्ष असीम नंद, युवा तृणमूल दिनहाटा शहर ब्लॉक अध्यक्ष अजय राय, बादल सरकार, बाबन दास आदि की अगुवायी में कार्यकर्ता बंद को व्यर्थ करने में तत्पर दिखे. भाजपा के बुलाए इस बंद को देखते हुए बाजार सुनसान रहा.
दिनहाटा शहर के पांच माथा मोड़ पर तृणमूल समर्थक भारी संख्या में जुटने लगे तो एसडीपीओ उमेश जी खंडवाल ने उनलोगों को वहां से हटा दिया. इसे लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ तृणमूल कार्यकर्ताओं का विवाद हो गया. हालांकि बाद में सभी हट गये. तृणमूल नेता विधायक उदयन गुहा ने बताया कि दिनहाटा में बंद बेअसर रहा. यहां अन्य दिनों के ही तरह समान्य रहा. उन्होंने कहा कि दिनहाटा के लोग सांप्रदायिक शक्ति को बढ़ावा नहीं देते है.