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एक काम के लिए 13 प्रकार के लाइसेंस, अब बीआईएस प्रमाण पत्र लेने का दबाव

सिलीगुड़ी : लाइसेंस लेने की बाध्यता से बोतल एवं जार में पानी बंद कर बेचने वाले कारोबारी इन दिनों काफी परेशान है. उन्हें अपने कारोबार को चलाने के लिए कुल 13 प्रकार के लाइसेंस लेने पड़ते हैं .उपर से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाण पत्र भी लेना अनिवार्य किया जा रहा है. बीआईएस प्रमाण पत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2018 2:25 AM
सिलीगुड़ी : लाइसेंस लेने की बाध्यता से बोतल एवं जार में पानी बंद कर बेचने वाले कारोबारी इन दिनों काफी परेशान है. उन्हें अपने कारोबार को चलाने के लिए कुल 13 प्रकार के लाइसेंस लेने पड़ते हैं .उपर से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाण पत्र भी लेना अनिवार्य किया जा रहा है. बीआईएस प्रमाण पत्र नहीं नही होने पर कुछ विभागों की ओर से पानी कारोबारियों को लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे.
इसकी वजह से उत्तर बंगाल के पानी कारोबारी काफी परेशान हैं. इनलोगों ने बीआईएस नियमों के सरलीकरण की मांग की है. बुधवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए नॉर्थ बंगाल वाटर सप्लायर एंड ऑनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बुलेट सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पानी कारोबारी प्रमाण पत्र नहीं लेना चाहते. लेकिन यह प्रमाण पत्र लेना काफी कठिन एवं खर्चीला है.
इसमें लैब आदि बनाने की बाध्यता है. इतने पैसे खर्च कर साधारण पानी कारोबारी के लिए प्रमाण पत्र लेना संभव नहीं है.दो से तीन लाख रूपये लगाकर कारोबार शुरू करने वाले लोग भला कहां से लैब बनाने पर लाखों रूपये खर्च कर पायेंगे. ऐसा भी नहीं है कि जार बंद पानी का कारोबार कोई बहुत बड़ा है. सिलीगुड़ी में जो जारबंद पानी का कारोबार करते हैं वह तीन से चार किलोमीटर के दायरे में ही पानी की सप्लायी करते हैं. इसलिए वह लोग बीआईएस प्रमाण पत्र के नियमों का सरलीकरण चाहते हैं.
इसको लेकर उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारियों के साथ बातचीत भी की है. कल बीआईएस के अधिकारी सिलीगुड़ी आ रहे हैं. उनके साथ संगठन के लोग एक बैठक करेंगे. इस बैठक में ही प्रमाण पत्र के नियम में सरलीकरण की मांग की जाएगी. श्री सिंह ने आगे कहा कि सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में पैकेज ड्रिंकिंग वाटर के करीब 350 कारोबारी हैं .इसके अलावा लगभग 2000 से अधिक लोग अपने परिवार को चलाने के लिए इस कारोबार पर निर्भर हैं .
तरह-तरह के लाइसेंस लेने की अनिवार्यता के कारण पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर के कारोबारी पहले से ही काफी परेशान हैं. विभिन्न विभागों के कुल 13 प्रकार के लाइसेंस लेने पड़ते हैं. बगैर बीआईएस प्रमाण पत्र के कारोबार कैसे हो इस पर बातचीत के लिए ही कल अधिकारियों के साथ एक बैठक की जाएगी. इस बैठक में पूरे उत्तर बंगाल के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि बीआईएस के अधिकारी इस बैठक में भाग लेने के लिए कोलकाता से आ रहे हैं. बृहस्पतिवार को वर्द्धमान रोड के जायसवाल भवन में इस बैठक का आयोजन किया गया है.संवाददाता सम्मेलन में संगठन के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे.

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