किसानों ने बागडोगरा रेंज ऑफिस में दिया धरना, हर रात हाथी इलाके में मचा रहे हैं तांडव

बागडोगरा : गांवों में हाथी घुसकर खेतों में फसल बर्बाद करते हैं. कई बार लोगों की जान चली जाती है. लेकिन इनका मुआवजा समय पर नहीं मिल पाता है. इन सभी आरोपो को लेकर मंगलवार को बागडोगरा रेंज ऑफिस में सीपीएम नक्सलबाड़ी एरिया कमेटी के बैनर तले इलाकावासियों ने धरना प्रदर्शन किया. मंगलवार दोपहर को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2018 1:36 AM
बागडोगरा : गांवों में हाथी घुसकर खेतों में फसल बर्बाद करते हैं. कई बार लोगों की जान चली जाती है. लेकिन इनका मुआवजा समय पर नहीं मिल पाता है. इन सभी आरोपो को लेकर मंगलवार को बागडोगरा रेंज ऑफिस में सीपीएम नक्सलबाड़ी एरिया कमेटी के बैनर तले इलाकावासियों ने धरना प्रदर्शन किया.
मंगलवार दोपहर को पार्टी के नक्सलबाड़ी एरिया कमेटी के सचिव माधव सरकार, कृषक सभा के नेता झरेन राय की अगुवाई में नक्सलबाड़ी ब्लॉक के कई गांव के किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. इनलोगों ने इलाके में एक विरोध रैली भी निकाली. बाद में रेंजर को ज्ञापन दिया गया. हाथीघीसा ग्राम पंचायत के जमींदारगुड़ी, नंदलालजोत, फकीराजोत, वेल्टाजोत, वीरसिंहजोत, महासिंह जोत, मुकरुजोत, जीवनजोत आदि विभिन्न गांव के सैकड़ों निवासी इस आन्दोलन में शामिल हुए.
लोगों ने हाथियों के तांडव की जानकारी दी. महासिंह जोत के कृष्ण सिंह के 10 बीघा, फकीराजोत के कुश सिंह का 2 बीघा, किसी की 4 बीघा तो किसी की 5 बीघा जमीन की फसल हाथियों ने बर्बाद किया है.
आरोप है कि लगभग हर रोज हाथी आते हैं और किसानों के मेहनत के फसल खा जाते है. कहीं पैरों से कुचलकर धान के पौधों को बर्बाद करते है. रातभर खेतों में तांडव मचाने के बाद तड़के जंगल लौट जाते है. वनकर्मी समय पर हाथी खदेड़ने नहीं आते हैं. किसानों का कहना है कि जान जोखिम में डालकर वह खुद ही रातभर अपनी खेतों की पहरेदारी करते है.
इतना नुकसान उठाने के बाद भी मुआवजा नहीं मिलता है.माधव सरकार एवं झरेन राय ने बताया कि नंदलाल इलाके की कमला छेत्री नामक महिला की हाथी के हमले में मौत हो गयी थी. जिसका मुआवजा आज तक नहीं मिला है. हाथी के धान खाने पर प्रति बीघा की दर से मुआवजा देना होगा. हाथियों को रोकने के लिए जंगल के किनारे ऊंचे बाड़ लगाने होंगे.
प्रभावित इलाकों में शाम के बाद से वन कर्मियों को गश्ती लगानी होगी. इलाकावासियों को सर्च लाइट व पटाखा देने की भी मांग की गयी. हाथियों के आवागमन वाले रास्तों पर वॉच टावर लगाने होंगे. इन मांगों का रेंज ऑफिसर को सौंपा गया.
रेंजर टीटी भूटिया ने बताया कि 3 महीने पहले ही इलाके में सर्च लाइट दे दी गयी है. हाथियों को खदेड़ने के लिए एलिफेंट स्क्वाड सहित कुल 3 गाड़ियां तैनात है. मुआवजे की रकम पहुंचते ही पीड़ितों को दे दिया जायेगा.

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