सिलीगुड़ी : किसी भी कीमत पर अहलूवालिया का नहीं करेंगे समर्थन, उतारेंगे अपना उम्मीदवार
दिल्ली में मीटिंग से चढ़ा गोजमुमो का पारा, भाजपा पर बरसे विनय गुट के नेता गत वर्ष आंदोलन के दौरान सांसद ने दिया धोखा सिलीगुड़ी :पिछले साल हुए हिंसक आंदोलन के बाद अब दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में शांति है. लेकिन भाजपा एक बार फिर से दार्जिलिंग पहाड़ को अशांत करना चाहती है. यही वजह है […]
दिल्ली में मीटिंग से चढ़ा गोजमुमो का पारा, भाजपा पर बरसे विनय गुट के नेता
गत वर्ष आंदोलन के दौरान सांसद ने दिया धोखा
सिलीगुड़ी :पिछले साल हुए हिंसक आंदोलन के बाद अब दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में शांति है. लेकिन भाजपा एक बार फिर से दार्जिलिंग पहाड़ को अशांत करना चाहती है. यही वजह है कि विमल गुट के नेताओं को दिल्ली बुलाकर बैठक की जा रही है.इसके पीछे भाजपा की इच्छा शांति स्थापित करना नहीं बल्कि पहाड़ को एक बार फिर से अशांत करना है.
दरअसल भाजपा विमल गुरुंग के कंधे पर बंदूक रखकर पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधना चाहती है. इसके साथ ही भाजपा का मुख्य मकसद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग सीट पर एक बार फिर से जीत हासिल करना है.जबकि भाजपा को इसमें सफलता नहीं मिलेगी. यह बातें गोजमुमो युवा मोर्चा के महासचिव अरूण छेत्री ने कही है. वह हमसे विशेष बातचीत कर रहे थे.
श्री छेत्री ने कहा कि वास्तविकता यह है कि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र की 80 प्रतिशत जनता अब विनय तमांग के साथ है. बिमल गुरुंग और भाजपा का पहाड़ पर अब कोई अस्तित्व नहीं है. पहाड़ के लोगों ने अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन किया. उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उनकी मदद करेगी.
इसी उम्मीद में वर्ष 2009 तथा 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार का पहाड़ पर समर्थन किया गया और उनकी भारी जीत हुई. लेकिन पिछले साल पहाड़ पर जब आंदोलन हुआ और 104 दिनों तक पहाड़ बंद था तब भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया का कहीं कोई अता-पता नहीं था. श्री अहलूवालिया ने पहाड़ के लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया था. अलग राज्य बनाने की बात तो दूर उन्होंने पहाड़ पर जारी आंदोलन के समर्थन में एक शब्द तक नहीं कहा. यही वजह है कि पहाड़ के लोग अब किसी भी कीमत पर भाजपा का साथ नहीं देंगे.
एक प्रश्न के जवाब में श्री छेत्री ने कहा कि वर्ष 2019 का चुनाव गोजमुमो भी लड़ सकता है. पार्टी अपने उम्मीदवार मैदान में उतार सकती है या फिर किसी पार्टी को समर्थन भी दे सकती है.
भाजपा को किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं देने का निर्णय हो चुका है. विनय तमांग पहाड़ के नेता हैं और यह साबित हो चुका है. उनके निर्देश पर पार्टी की कोर कमिटी लोकसभा चुनाव लड़ने तथा उम्मीदवार तय करने पर विचार करेगी. इसके साथ ही यदि किसी राजनीतिक पार्टी को समर्थन किया जाता है तो इसका निर्णय भी पार्टी की कोर कमेटी ही करेगी.
दार्जिलिंग को फिर अशांत करने की कोशिश, पहाड़ पर शांति नहीं चुनाव पर भाजपा की नजर
भाजपा की जीत मुश्किल
गोजमुमो तराई एवं डुवार्स कमेटी के अध्यक्ष सैमसंग तमांग ने भी भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा भाजपा दरअसल शांति स्थापित करनेवाली पार्टी ही नहीं है. किसी न किसी तरीके से देश को अशांत करना चाहती है.
कभी हिंदू मुसलमान तो कभी गाय के नाम पर भाजपा अशांति करती है. अब भाजपा की कोशिश पहाड़ पर एक बार फिर अशांति फैलाने की है. क्योंकि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को पता चल गया है कि दार्जिलिंग संसदीय सीट से उसकी जीत नहीं होगी.
तृणमूल के समर्थन पर विचार
तमांग ने आगे कहा कि गोजमुमो सुप्रीमो विनय तमांग फिलहाल दिल्ली में हैं. वह एक-दो दिनों में दिल्ली से पहाड़ लौट आएंगे. उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन नहीं किया जाएगा. पार्टी लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का समर्थन कर सकती है. पहाड़ का विकास बगैर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सहयोग से संभव नहीं है. इसी कारण से ममता बनर्जी तथा तृणमूल कांग्रेस के समर्थन पर विचार हो रहा है.
आज गोजमुमो का स्थापना दिवस: उन्होंने यह भी कहा कि गोजमुमो कल रविवार को सिलीगुड़ी के निकट कदमतला में भी पार्टी की स्थापना दिवस मना रही है. पार्टीकी ताकत का विस्तार दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के साथ-साथ सिलीगुड़ी एवं तराई डुवार्स के इलाके में भी किया जा रहा है. यही वजह है कि समतल क्षेत्र कदमतला में भी पार्टी ने स्थापना दिवस समारोह मनाने का निर्णय लिया है.
वार्ता में गोजमुमो (विमल गुट) की टोली में लोपसांग लामा के अलावा कर्नल (सेवानिवृत्त) रमेश आले, कालिम्पोंग की विधायक सरिता राई, आर मोक्तान, उर्मिला रुम्बा, वंदना योंजन, मीनू भुटिया, विशाल छेत्री, विशाल लामा, आनंद भंडारी आदि शामिल थे.