सुकृति की रिहाई के लिए सड़क पर उतरे वामपंथी, सीएम का पुतला जलाने पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप
सिलीगुड़ी : माकपा का कहना है कि एसएफआइ की दार्जिलिंग जिला कमेटी सदस्य सुकृति पर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उसे झूठे मामले में फंसा कर उत्सव के इस मौसम में पांच दिनों के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया गया है. इस विषय को लेकर शुक्रवार को दार्जिलिंग जिला माकपा की ओर से […]
सिलीगुड़ी : माकपा का कहना है कि एसएफआइ की दार्जिलिंग जिला कमेटी सदस्य सुकृति पर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उसे झूठे मामले में फंसा कर उत्सव के इस मौसम में पांच दिनों के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया गया है. इस विषय को लेकर शुक्रवार को दार्जिलिंग जिला माकपा की ओर से सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के डिप्टी पुलिस कमिश्नर गौरव लाल को ज्ञापन सौंपा गया और सुकृति को रिहा करने की मांग की गयी.
उल्लेखनीय है कि दाड़ीभीट गोलीकांड के बाद गत 24 सितंबर को दार्जिलिंग जिला माकपा की ओर से पुलिस प्रशासन की भूमिका को लेकर सिलीगुड़ी में एक रैली का आयोजन किया गया था. जहां मुख्यमंत्री का पुतला जलाने को लेकर पुलिस तथा माकपा नेताओं के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गयी. इस दौरान एसएफआइ नेता सुकृति आंश पर पुलिस पर केरोसिन तेल छिड़ककर जलाकर मारने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है.
इसके बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस की ओर एसएफआइ व माकपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इस मामले में बीते बुधवार को पुलिस ने हावड़ा से सुकृति को गिरफ्तार किया. गुरुवार को सिलीगुड़ी अदालत में पेश कर उसे पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया.
शुक्रवार को ज्ञापन प्रदान के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए माकपा के कोर कमेटी के सदस्य शंकर घोष ने बताया कि पश्चिम बंगाल में पुतला जलाना कोई अपराध नहीं है. लेकिन पिछले दिनों में सिलीगुड़ी में आयोजित वाम मोर्चा की एक रैली के दौरान मुख्यमंत्री का पुतला जलाने को लेकर जो विवाद हुआ है वह इस हद तक पहुंच जायेगा इसका उन्हें अंदाजा नहीं था.
श्री घोष ने सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर विरोधियों के पर अत्याचार करने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने बताया कि सुकृति को झूठे मामले में फंसाकर गिरफ्तार किया गया है.