चीन निर्मित बल्बों से टक्कर ले रहे नये डिजाइनदार दीये, कुम्हार बना रहे दोमुखी, पंचमुखी और अलादीन के चिराग
रायगंज : आज के डिजिटल युग में जब दीपावली के अवसर पर चीन निर्मित रंगीन टूनी बल्वों के सामने मिट्टी के दीये असहाय साबित हो रहे हैं. वहीं रायगंज महकमा अंतर्गत कुनोरहाटपाड़ा के कुम्हार एक नया इतिहास रच रहे हैं. उनके हाथों से बने तरह-तरह के मिट्टी के डिजाइनदार दीये न सिर्फ टूनी बल्वों से […]
रायगंज : आज के डिजिटल युग में जब दीपावली के अवसर पर चीन निर्मित रंगीन टूनी बल्वों के सामने मिट्टी के दीये असहाय साबित हो रहे हैं. वहीं रायगंज महकमा अंतर्गत कुनोरहाटपाड़ा के कुम्हार एक नया इतिहास रच रहे हैं. उनके हाथों से बने तरह-तरह के मिट्टी के डिजाइनदार दीये न सिर्फ टूनी बल्वों से टक्कर ले रहे हैं, बल्कि बाजार में छा भी रहे हैं.
यह संभव हुआ है इन कुम्हारों की सृजनशीलता और कल्पनाशीलता के चलते. ये लोग नये युग के अनुरुप तरह-तरह के डिजाइनदार दीये बना रहे हैं जिनकी न सिर्फ उत्तर दिनाजपुर जिले में, बल्कि अन्य जिलों और पड़ोसी बिहार राज्य में भी भारी मांग है. ये कुम्हार सामान्य एकमुखी दीये के अलावा दोमुखी, पंचमुखी और अलदीन का चिराग नाम से बहुमुखी दीये बना रहे हैं.
इनके अलावा मैजिक दीये, नारियल दीये और लालटेन दीये बनाकर ग्राहकों में इन कुम्हारों ने अपनी धाक जमा ली है. ऐसे दीयों की मांग इतनी ज्यादा है कि ये कुम्हार इनकी पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं.
स्थानीय कुम्हारों के अनुसार, बाजार में ये दीये 20 रुपये से लेकर 2000 तक में बिक रहे हैं. उत्तर दिनाजपुर जिले के अलावा सिलीगुड़ी, मालदा, कूचबिहार और दक्षिण बंगाल में भी इन दीयों की काफी सप्लाई हो रही है.
कुम्हारों का मानना है कि इस बार की दीपावली में उन्होंने बंगाल के लोगों को एक नया उपहार दिया है. बढ़ती हुई मांगों को देखकर ये कुम्हार रात-दिन लगे हुए हैं. आगामी सात नवंबर को दीपावली का पर्व है. इस मौके पर उम्मीद की जाती है कि टूनी बल्वों का रंग ऐसे दीयों के चलते फीका पड़ सकता है.