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बंगाल में विभाजन की राजनीति कर रही है भाजपा : ममता बनर्जी
कूचबिहार : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के पूर्ण मसौदे से 40 लाख लोगों के नाम बाहर करने को लेकर असम और केंद्र की भाजपा नीत सरकारों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि मसौदा में अपना नाम नहीं पाने वाले लोगों द्वारा आत्महत्या करने की खबरें हैं. इस बारे में यहां प्रदेश […]
कूचबिहार : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के पूर्ण मसौदे से 40 लाख लोगों के नाम बाहर करने को लेकर असम और केंद्र की भाजपा नीत सरकारों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि मसौदा में अपना नाम नहीं पाने वाले लोगों द्वारा आत्महत्या करने की खबरें हैं.
इस बारे में यहां प्रदेश भाजपा क्या कहेगी ? ममता ने एनआरसी की कवायद और गुजरात से बिहारी प्रवासियों के पलायन को एक समान बताते हुए कहा कि भाजपा शासित दोनों राज्य जाति, नस्ल और धर्म के आधार पर लोगों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बंगाल में भी विभाजन की राजनीति खेली जा रही है, लेकिन बंगाल में कभी भी एनआरसी को लागू नहीं होने देगी. सुश्री बनर्जी ने कहा कि गुजरात के साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को 14 माह की एक बच्ची के साथ हुई बलात्कार की घटना और इस आरोप में बिहार के एक मजदूर की गिरफ्तारी के बाद इस पश्चिमी राज्य में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुई थी
हिंदी भाषी 60,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों को कथित रूप से राज्य छोड़ कर जाना पड़ा. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा के मन में गांधीवादी सिद्धांतों के प्रति सम्मान नहीं है. सुश्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि वह धार्मिक आधार पर लोगों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही है.
ममता ने कहा कि भारत का इतिहास और संस्कृति संप्रदायवाद या धर्मांधता को प्रोत्साहित नहीं करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा : जो लोग हमारे धर्मनिरपेक्ष इतिहास को विकृत करना चाहते हैं, उन्हें जानना चाहिए कि बंगाल के लोग विभाजनकारी राजनीति को कभी बढ़ावा या इसकी इजाजत नहीं देंगे.
उन्होंने कहा कि बंगाल में जनगण की सरकार और जनगण का परिवार है. जिस तरह एक परिवार में अलग-अलग तरह के लोग रहते हैं, उसी तरह एक राज्य में भी विभिन्न समुदायों के लोग रहते हैं. पश्चिम बंगाल में कोई भेदभाव नहीं है और सभी एकजुट होकर आगे बढ़ रहे हैं. इसी का परिणाम है कि पूरे राज्य में विकास की धारा बह रही है. और जिन लोगों को यह विकास बर्दाश्त नहीं हो रहा है वे सब समय आलोचना करते रहते हैं.
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने अपना कूचबिहार दौरा खत्म किया. अपने दौरे के दूसरे दिन उन्होंने कूचबिहार के रासमेला मैदान से 16 परियोजनाओं का उद्घाटन किया, नौ परियोजनाओं का शिलान्यास किया और विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थियों के बीच तरह-तरह के लाभ वितरित किये. जिन नौ परियोजनाओं की नींव रखी गयी उन पर 18 करोड़ 65 लाख रुपये खर्च होंगे. 108 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च में तैयार 16 परियोजनाओं का उद्घाटन मुख्यंमत्री ने किया.
साढ़े 73 हजार कन्याश्री को एक करोड़ 35 लाख रुपये की सुविधा प्रदान की गयी. सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत करीब आठ हजार असंगठित श्रमिकों को साढ़े 36 करोड़ रुपये प्रदान किये गये.
गतिधारा योजना के तहत 112 लोगों को गाड़ी की चाबी दी गयी. सबुजसाथी के तहत 41 हजार छात्र-छात्राओं को साइकिल दी गयी. इसके अलावा भी कई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत लोग लाभान्वित हुए.
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर बंगाल और कूचबिहार में जितनी नयी रेल परियोजनाओं पर काम हुआ है, वह उनके रेलमंत्रित्व काल की देन हैं. उन्होंने कहा कि 70 साल साल तक जिस छीटमहल समस्या का समाधान नहीं हुआ था उसे तृणमूल की सरकार के समय में हल किया गया. उन्होंने कहा कि बंगाल में अल्पसंख्यक समुदायों के 30 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति मिलती है, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल है.
वहीं केंद्र सरकार की बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना का अधिकतर पैसा केवल विज्ञापन में जा रहा है, काम लायक काम कुछ नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर साल कन्याश्री, रूपश्री व अन्य योजनाओं के माध्यम से बेटियों पर छह हजार रुपये खर्च कर रही है, जिसकी कहीं से तुलना नहीं की जा सकती.
उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केवल आलोचना और विज्ञापन से कुछ नहीं होने वाला, काम करके दिखाना होगा. बंगाल ने काम करके दिखा दिया है. उन्होंने वामपंथियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 34 सालों के वाम शासन में हजारों करोड़ का जो कर्ज लिया गया अब उसे उन्हें चुकाना पड़ रहा है.
ममता बनर्जी सोमवार शाम को कूचबिहार पहुंची थीं. यहां उन्होंने एक ऑडिटोरियम का उद्घाटन करने के बाद सोमवार रात को ऐतिहासिक मदनमोहन मंदिर में पूजा की. मंगलवार को रासमेला मैदान में संपन्न कार्यक्रम के बाद वह हेलीकॉप्टर से डुआर्स रवाना हो गयीं. इससे पहले सभा के मंच पर राजवंशी भाषा अकादमी के वंशी बदन बर्मन और विजयचंद्र बर्मन (सांसद) ने उन्हें राजवंशी भाषा के शब्दकोश का प्रथम खंड भेंट किया. कार्यक्रम में मंच पर उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष, वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन, पर्यटन मंत्री गौतम देव, सांसद पार्थ प्रतिम राय, जिला परिषद के सभापति उमाकांत बर्मन व अन्य उपस्थित थे.
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