छठ पूजा को चार दिन बाकी, महानंदा में गंदगी का अंबार, नदी किनारे खुलेआम कानून की उड़ रही धज्जियां

सिलीगुड़ी : दुर्गा पूजा, कोजागरी लक्खी (लक्ष्मी ) पूजा की समाप्ती के साथ ही अब दीपावली व काली पूजा के भी विसर्जन की शुरुआत हो चुकी है. इसबीच,सूर्योपासना का लोकपर्व छठ पूजा के अब मात्र चार दिन बाकी बचे हैं. लेकिन जिला प्रशासन,सिलीगुड़ी नगर निगम, सिलीगुड़ी महकमा परिषद और एसजेडीए की अब तक नींद नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2018 1:59 AM
सिलीगुड़ी : दुर्गा पूजा, कोजागरी लक्खी (लक्ष्मी ) पूजा की समाप्ती के साथ ही अब दीपावली व काली पूजा के भी विसर्जन की शुरुआत हो चुकी है. इसबीच,सूर्योपासना का लोकपर्व छठ पूजा के अब मात्र चार दिन बाकी बचे हैं. लेकिन जिला प्रशासन,सिलीगुड़ी नगर निगम, सिलीगुड़ी महकमा परिषद और एसजेडीए की अब तक नींद नहीं टूटी है.
नदी संरक्षण और नदी को बचाने को लेकर बीते वर्ष ग्रीन ट्राइब्यूनल कोर्ट(एनजीटी) के सख्त निर्देश के बावजूद पूजा आयोजक कमेटियां सचेत नहीं हुई है. मूर्तियों और दीपावली के पूजा-सामग्रियों को नदियों में इस तरह विसर्जन किया जा रहा है कि खुले आम कानून की धज्जियां उड़ रही है. इस पर लगाम लगानेवाला कोई भी नहीं है. खासतौर पर महानंदा नदी जो सिलीगुड़ी शहर के मझधार से बहती है और इसे शहर का लाइफ लाइन भी माना जा रहा है,की हालत काफी खराब है.
इन दिनों मूर्तियों व पूजा-सामग्रियों के नदी में विसर्जन किये जाने की वजह से महानंदा नदी महागंदा नदी हो गयी है है. इसी महानंदा नदी के लाल मोहन निरंजन मौलिक घाट, संतोषी घाट, गंगानगर दो नंबर घाट, तुलसी घाट, हरीओम घाट, महाराजा कॉलोनी, एक नंबर वार्ड नदी घाट, गुरुंग बस्ती घाट व अन्य घाटों पर पटना के गंगा घाट के तर्ज पर ही लाखों की तादाद में छठव्रती पूजा का भव्य आयोजन करते हैं.
पूजा के मात्र चार दिन शेष बचे होने की वजह से छठव्रतियों के माथे पर सिकन है. यह लोकपर्व नदी, तालाब में पूरे पारंपरिक तरीके से एकदम शुद्ध, स्वच्छता व पूर्ण श्रद्धा व आस्था के साथ मनाया जाता है. लेकिन अब-तक नदियों की साफ-सफाई न होने से पूजा कैसे मनायेंगे, इसे लेकर छठव्रती काफी चिंतित हैं.
लायंस ग्रेटर ने की छठव्रतियों की सहायता
सिलीगुड़ी. लायंस क्लब ऑफ सिलीगुड़ी ग्रेटर ने अपने सामाजिक सरोकार के तहत छठव्रतियों को धार्मिक सहयोग करने का फैसला लिया है. इसके मद्देनजर कल यानी शुक्रवार शाम चार बजे स्थानीय एसएफ रोड स्थित सिद्धिविनायक बैंक्वेट हॉल में जरुरतमंद छठव्रतियों को साड़ी व छठ सामग्री दी जायेगी. लायंस ग्रेटर के अध्यक्ष विष्णु केड़िया ने बताया कि इसके तहत छठव्रती महिलाओं को साड़ी के अलावा नारियल, गुड़, आटा, अगरबत्ती, दीया-बाती व अन्य पूजन सामग्रियां दी जायेगी. प्रोजेक्ट चेयरमैन भरत चांगिया ने बताया कि इसके लिए कुल 501 जरुरतमंद छठव्रती महिलाओं को चिह्नित किया गया है. इनमें से 250 महिलाएं नक्सलबाड़ी की हैं.
क्या कहना है छठव्रतियों का
शहर के एयरव्यू मोड़ से सटे महानंदा के लाल मोहन निरंजन मौलिक घाट पर आयोजित छठ पूजा के आयोजक कमेटी के एक सदस्य संजय मिश्रा का कहना है कि छठ पूजा चार दिवसीय सूर्योपासना का महार्पव है. इस बार 11 नवंबर को नहाय-खाय से पूजा का आगाज होगा. 12 नवंबर को खरना किया जायेगा. 13 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा और अंतिम दिन यानी 14 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. यह लोकपर्व एकमात्र नदी-तालाब के घाटों पर ही करने की परंपरा है. लेकिन नदी के संस्कार व साफ-सफाई न होने से कैसे पूजा की जायेगी,इसको लेकर चिंता है.
श्री मिश्रा ने कहा कि मंत्री गौतम देव ने भी दीपावली, काली पूजा व छठ पूजा को लेकर कुछ दिनों पहले ही आयोजित मीटिंग में नदी घाटों की साफ-सफाई को लेकर शासन-प्रशासन को सख्त निर्देश भी दिया था. उसके बाद भी असर देखने को नहीं मिल रहा है.इधर,राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव का कहना है कि छठ पूजा का आयोजन विभिन्न नदी-घाटों पर बीते वर्ष के तर्ज पर ही ग्रीन ट्राइब्यूनल के निर्देश के अनुसार होगा.
दीपावली व काली पूजा के खत्म होत ही ही प्रशासन को नदी-घाटों की साफ-सफाई समय पर करने का निर्देश दिया गया है.उन्होंने छठ पूजा आयोजक कमेटियों से भी सहयोग की अपील की है. उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम के अलावा सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) को भी जरुरी निर्देश जारी कर दिये गए हैं.

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